जून 2018 से, रा.न.का.सं. ने परामर्शों की श्रृंखला के माध्यम से प्रमुख प्रासंगिक हितधारकों के साथ जुड़ाव शुरू किया। इसका उद्देश्य आ.औ.श.का.मं. शहरी कार्यक्रमों के तहत डिजिटल हस्तक्षेप के लिए कार्यनीति को परिभाषित करना है। इन परामर्शों की प्रमुख संस्तुतियों में से एक वैश्विक स्तर पर उन नवप्रवर्तकों के पारिस्थितिकी तंत्र को तैयार करने के लिए एक नया संस्थागत पारिस्थितिकी तंत्र है जो भारत के शहरीकरण में रुचि रखते हैं और जिनके पास पहले से ही भारत के शहरों के लिए उपयुक्त समाधान हैं या तैयार कर रहे हैं। ऐसी संस्था भौतिक और आभासी हस्तक्षेपों के माध्यम से पारिस्थितिकी तंत्र को सुविधाजनक बनाएगी। वर्चुअल हब एक प्रौद्योगिकी समाधान 'नेशनल अर्बन इनोवेशन स्टैक' (एन.यू.आई.एस.) द्वारा संचालित होगा।
शहरी परिवर्तन के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को उत्प्रेरित करने के लिए मूलभूत संस्थान के रूप में प्रस्तावित किया गया है। रा.न.का.सं. को एन.आई.यू.एच. में पुनर्गठित करने के लिए विस्तृत व्यवसाय योजना तैयार की गई है और भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के साथ समीक्षाधीन है। चूंकि वर्तमान शहरी कार्यक्रम मिशन अवधि के अंत की ओर हैं, इसलिए शहरों को शहरी हस्तक्षेप के अगले तरीके के लिए तैयार करने के लिए क्षमता निर्माण, सहयोग, ज्ञान साझा करने और आदान-प्रदान से संबंधित गतिविधियों को शुरू करने की आवश्यकता है। इसलिए वर्चुअल हब से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता से देखा जा रहा है।
डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (डी.एफ.आई.डी.) द्वारा वित्त पोषित परियोजना का यह दायरा नेशनल अर्बन इनोवेशन हब (एन.यू.आई.एच.) के तहत वर्चुअल हब के शिक्षण मंच को विकसित और प्रबंधित करना है। मंत्रालय और अन्य प्रमुख हितधारकों के साथ परामर्श के दौरान 'राष्ट्रीय शहरी शिक्षण मंच' को प्राथमिकता के रूप में पहचाना गया है।