Niua

Project Details

सफाईमित्र सुरक्षा चैलेंज एस.एम.एस. चैलेंज (केपेसिटी बिल्डिंग)


CLIENT/FUNDER: मोहुआ

DURATION: 1 years

STARTING FROM:  12-2020


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सीवरों और सेप्टिक टैंकों में व्यक्तियों के खतरनाक प्रवेश और ऐसी असुरक्षित प्रथाओं के कारण होने वाली मौतों का मुद्दा अभी भी शहरों और कस्बों में प्रचलित है। इस प्रथा को रोकने के लिए, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (आ.औ.श.का.मं.) ने 19 नवंबर 2020 को "सफाईमित्र सुरक्षा चैलेंज" (मैनहोल से मशीन होल ट्रांसफॉर्मेशन पर सिटी चैलेंज) नामक एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता शुरू की है। इस दिवस को विश्व शौचालय दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य अधिक से अधिक शहरों और कस्बों को सीवर और सेप्टिक टैंक की मशीनीकृत सफाई को एक अभ्यास के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। भारत के सभी राज्यों के दो सौ बयालीस (242) शहरों ने इस चुनौती में भाग लेने का संकल्प लिया है। पिछले कुछ दशकों में रा.न.का.सं. के क्षमता निर्माण अनुभव के आधार पर, आ.औ.श.का.मं. ने इस चुनौती के लिए संस्थान को नामांकित किया है। संस्थान प्रतियोगिता के विभिन्न विषयों पर ऑनलाइन क्षमता निर्माण सत्रों की एक श्रृंखला आयोजित कर रहा है। कार्यशाला की सामग्री संस्थान द्वारा शहरों से प्राप्त फीडबैक और प्रतिभागी शहरों के साथ ऑनलाइन आयोजित प्रशिक्षण आवश्यकताओं के मूल्यांकन के निष्कर्षों के आधार पर तैयार की गई है। सफ़ाईमित्रों के सशक्तिकरण के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी, उपकरण और सुरक्षात्मक गियर के चयन पर विशेषज्ञों द्वारा सत्र दिए गए हैं जैसे; आई.ई.सी. और जन जागरूकता अभियान; आई.टी. से संबंधित चुनौती समाधानों का उपयोग। जी.ई.एम. पोर्टल जैसे ऑनलाइन खरीद प्लेटफार्मों के माध्यम से शहरों को सही उपकरण खरीदने और स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के एम.आई.एस. पर चुनौती से संबंधित जानकारी अपलोड करने में सहायता के लिए भी सत्र आयोजित किए गए। ये कार्यशालाएँ सहकर्मी से सहकर्मी सीखने की क्षमता को सक्षम कर अधिगम को भी बढ़ावा दे रही हैं। शहर अपनी उत्तम प्रथाओं और जमीनी अनुभवों को साझा करेंगे। चुनौती के दौरान राज्यों और यूएलबी को निरंतर समर्थन सुनिश्चित करने के लिए, रा.न.का.सं. ने 30 से अधिक संगठनों के साथ सहयोग किया है जो अपनी वर्तमान गतिविधियों के माध्यम से शहर-व्यापी स्वच्छता में योगदान दे रहे हैं।

Gaurav Thapak Research Associate