Niua

शहरी भविष्य को बदलने के लिए मुख्यधारा में दिव्यांगता समावेशन पर राष्ट्रीय कार्यशाला

Description :

बेसिक परियोजना ने शहरी पारिस्थितिकी तंत्र में दिव्यांगता समावेशन की अवधारणाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए संस्थान में एक महत्वाकांक्षी सपना शुरू किया था। अब तक की सीख को प्रसारित करने के लिए डिज़ाइन की गई कार्यशाला, शहरों में ज्ञान निर्माण और कार्यान्वयन समर्थन दोनों के लिए समावेशन कार्य को और मजबूत करने के लिए संभावित सहयोग खोजने में भी मदद करेगी। तकनीकी सत्रों में चर्चा के माध्यम से हमारा लक्ष्य भारत के शहरी भविष्य को मुख्यधारा में शामिल करने के एजेंडे को आगे बढ़ाना है। पैनल चर्चाएँ वैचारिक सृजनता से परिपूर्ण चर्चाएँ शुरू करने और विभिन्न हितधारकों के विभिन्न दृष्टिकोणों को समझने के लिए आयोजित की जाती हैं। कार्यशाला का उद्देश्य देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय योगदानकर्ता बनने के लिए हाशिए पर रहने वाले समूहों को सशक्त बनाने हेतु विचार और व्यवहार में "समावेश" की पैरवी करना है। यह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ चतुर्भुज हेलिक्स के भीतर स्थापित पारिस्थितिकी तंत्र को भी प्रदर्शित करेगा। कार्यशाला का उद्देश्य शहर की विकास प्रथाओं में समावेशन, पहुंच और सुरक्षा के सिद्धांतों के एकीकरण के लिए संस्थागत और कार्यान्वयन चुनौतियों पर आगे की चर्चा शुरू करना है। कार्यशाला में अद्यतन " भारत में सार्वभौमिक पहुंच के लिए सामंजस्यपूर्ण दिशानिर्देश" का अनावरण किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के "अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस" के अवसर पर इस कार्यशाला में यूएन-सीआरपीडी के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को सुव्यवस्थित करने पर गहन विचार-विमर्श किया जायेगा। इससे आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय को सभी के लिए अधिक सुलभ, सुरक्षित और टिकाऊ नया भारत बनाने में मुख्यधारा में शामिल होने में मदद मिलेगी। आईआईटी- खड़गपुर की साझेदारी में तैयार किए गए "समावेशी शहर ढांचे" को कार्यशाला के भाग के रूप में लॉन्च और प्रचारित किया जाएगा। कार्यशाला भारत में संयुक्त राष्ट्र (यूएनआरसीओ, यूएन-हैबिटेट और यूएन-ओआईसीटी) के साथ एनआईयूए की सबसे हालिया साझेदारी की प्रस्तावना के रूप में कार्य करेगी जो बीएएसआईआईसी और एनयूएलपी कार्यक्रमों से सीखों के जमीनी कार्यान्वयन पर कार्यनीति बनाने में महत्वपूर्ण होगी । कार्यशाला में आईआईटी- खड़गपुर और आईआईटी- रुड़की के साथ एनआईयूए की साझेदारी के दूसरे चरण को भी प्रस्तुत किया जाएगा, जो नीतियों और दिशानिर्देशों के जमीनी कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों का आत्मनिरीक्षण करेगा। पैनल चर्चाएँ वैचारिक सृजनता से परिपूर्ण चर्चाएँ शुरू करने और विभिन्न हितधारकों के विभिन्न दृष्टिकोणों को समझने के लिए आयोजित की जाती हैं। कार्यशाला का उद्देश्य देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय योगदानकर्ता बनने के लिए हाशिए पर रहने वाले समूहों को सशक्त बनाने के लिए विचार और व्यवहार में "समावेश" की पैरवी करना है।

कार्यशाला के उद्देश्य निम्नानुसार हैंः

  • नीति निर्माताओं तथा अन्य हितधारकों को समावेशी विकास के लिए दिशानिर्देश और मानक प्रसारित करना।
  • समावेशी शहर योजना और डिजाइन के क्षेत्र में विभिन्न हितधारकों की क्षमता निर्माण।
  • शहरी विकास में समावेशन के कार्यान्वयन और एकीकरण में आने वाली बाधाओं को हल करने के लिए तंत्र की पहचान करना तथा विचार-विमर्श करना।
  • शहरी विकास में समावेशन के कार्यान्वयन और एकीकरण में आने वाली बाधाओं को हल करने के लिए तंत्र की पहचान करना तथा विचार-विमर्श करना।

गणमान्य व्यक्ति


विशेष संबोधन

श्री दुर्गा एस. मिश्रा, सचिव, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय


Remarks

सुश्री एवलिन एश्टन-ग्रिफ़िथ, नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग में कार्यवाहक विकास निदेशक और कार्यनीति प्रमुख


Remarks

सुश्री राधिका कौल बत्रा , संयुक्त राष्ट्र रेजिडेंट समन्वय कार्यालय की प्रतिनिधि


समापन टिप्पणियाँ और भावी मार्ग

श्री हितेश वैद्य, निदेशक, एनआईयूए


स्वागत, एजेंडा निर्धारण और धन्यवाद ज्ञापन

श्री अजय सूरी, वरिष्ठ सलाहकार और प्रमुख समावेशी सिटी सेंटर, एनआईयूए

 

सत्र अध्यक्ष

 

श्री शांतनु मित्रा, प्रमुख, बुनियादी ढांचा एवं विकास, एफसीडीओ

श्री हरप्रीत सिंह अरोड़ा, शहरी सलाहकार, एफसीडीओ

डॉ. देबोलिना कुंडू, प्रोफेसर, एनआईयूए

 

पैनलिस्ट और वक्ता

 

तकनीकी सत्र 1: सतत शहर विकास के लिए समावेशन को मुख्यधारा में लाना

 

सुश्री अपर्णा दास, वरिष्ठ सलाहकार, जीआईज़ेड

श्री निपुण मल्होत्रा, निपमैन फाउंडेशन

डॉ. वासुदेवन , मुख्य महाप्रबंधक, वीएससीएल

सुश्री काकुल मिश्रा, केंद्र प्रमुख, सीडीजी, एनआईयूए

श्री उत्सव चौधरी, टीम लीड, बीएएसआईआईसी, एनआईयूए

श्री अभिनव कौशल , वीएससीएल

श्री इयान मैकिनॉन, जीडीआई हब

श्री पशिम तिवारी, तकनीकी निदेशक, एआईआईएलएसजी

 

तकनीकी सत्र 2: सार्वभौमिक पहुंच और समावेशन प्राप्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को क्रियान्वित करना

 

प्रोफेसर गौरव रहेजा, आईआईटी रूड़की

सुश्री कनिका बंसल, प्रोजेक्ट एसोसिएट, बीएएसआईआईसी, एनआईयूए

 

तकनीकी सत्र 3 : शहरों में समावेशन, पहुंच तथा सुरक्षा के आवधिक मूल्यांकन की आवश्यकता

 

श्री राजन मुखर्जी, राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन, एनसीटी दिल्ली

श्री आर. श्रीनिवास, टीसीपी, टीसीपीओ

श्री पीपी सिंह, मुख्य नगर आयोजनाकार, राज्य नगर आयोजना विभाग, हरियाणा

 

तकनीकी सत्र 3 : शहरों में समावेशन, पहुंच और सुरक्षा के आवधिक मूल्यांकन की आवश्यकता

 

श्री सुभाष सी वशिष्ठ , सीएबीई फाउंडेशन

प्रोफेसर सुब्रत चट्टोपाध्याय, आईआईटी, खड़गपुर

प्रोफेसर हैमंती बनर्जी, आईआईटी, खड़गपुर