Description :
राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान (रा.न.का.सं.) द्वारा 31 अक्टूबर, 2023 को विश्व शहर दिवस की स्मृति में 'नेशनल अर्बन कॉन्क्लेव' का आयोजन किया जाता है, जिसका विषय 'डेटा और क्षमता के साथ शहरी भारत के रुपान्तरण का गुणगान करना है। यह रा. न. का. सं. द्वारा संचालित दो महत्वपूर्ण पहलों, अर्बन आउटकम्स फ्रेमवर्क (यू.ओ.एफ.) और नेशनल अर्बन लर्निंग प्लेटफॉर्म (एन.यू.एल.पी.) को एक साथ लाता है। नेशनल अर्बन कॉन्क्लेव उभरते शहरी परिदृश्य, डेटा-संचालित नीति निर्माण और क्षमता निर्माण की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिये जाने की अनुक्रिया है जिसमें शहरीकरण को आगे बढ़ाने में शहरों की अग्रणी भूमिका है। इस आयोजन से अन्यों के साथ-साथ शहरी पेशेवरों, सरकारी गुरुओं, अकादमिक दिग्गजों, तकनीकी अग्रदूतों और उत्साही नागरिक समाज के सदस्यों को एक साथ लाया जा सकेगा ताकि वार्तालापों को बढ़ावा देकर , साझेदारी करके और विचारों और नवाचार के माध्यम से समाधानों की प्रेरणा देकर मौजूदा 'शहरी' स्थल को और अधिक सतत , लचीला और रेसिलिएंट बनाया जा सके।
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List of publications launched during the World Habitat Day 2023
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1 | रा.न.का.सं. हिंदी संवाद राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान (रा.न.का.सं.) भारत सरकार, गृह मंत्रालय की राजभाषा नीति के अनुसार हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देता है। प्रत्येक कैलेंडर वर्ष में जनवरी और जुलाई में रा.न.का.सं. से एक हिंदी पत्रिका "संवाद" प्रकाशित होती है, जिसमें संस्थान में चल रहे शोध कार्य से संबंधित लेख और सामग्री शामिल होते हैं। पत्रिका में रा.न.का.सं. के कर्मचारियों द्वारा लिखी गई कविताएँ, कहानियाँ और शहरी विकास से संबंधित अन्य लेख भी होते हैं। |
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प्राइवेट सेक्टर एंगेजमेंट फार बिल्डिंग सस्टेनेबल सिटीज:विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यू.ई.एफ.) के सहयोग से तैयार की गयी , इस अध्ययन रिपोर्ट का उद्देश्य सतत शहरों के निर्माण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के सहायतार्थ निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी की गतिकी को समझना और विश्लेषण करना है। यह रिपोर्ट निजी क्षेत्र की भागीदारी के पहलुओं को समझने के लिए बहुमूल्य सीख का काम करेगी, जो शहरों को अपने निवासियों को बेहतर अवसर, आवश्यक सेवाओं और बुनियादी ढांचे तक अधिक सुलभता और जीवन की बेहतर गुणवत्ता प्रदान करने में सक्षम बनाएगी। | ||
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प्रोकॉरमेंट टूलकिट फार दी ओडिशा स्टेट हाउसिंग बोर्ड (ओ.एस.एच.बी.) : यह टूलकिट वस्तुओं, कार्यों और सेवाओं की शुरू से अंत तक खरीद करने में ओ.एस.एच.बी. के सहायतार्थ तैयार किया गया है। यह सार्वजनिक खरीद के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डालता है, और चरण-वार दिशानिर्देश और अच्छी प्रथाएँ पेश करता है जिनका पालन एक व्यवस्थित, कुशल और निष्पक्ष खरीद प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए किया जा सकता है। |
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डिटेलड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डी.पी.आर.) परिप्रेशन एण्ड इवालुएशन टूलकिट फार दी ओडिशा स्टेट हाउसिंग बोर्ड (ओ.एस.एच.बी.): टूलकिट का लक्ष्य ई.पी.सी. और पी.पी.पी. परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डी.पी.आर.) तैयार करने तथा विभिन्न परियोजना रिपोर्टों के मूल्यांकन के संबंध में ओ.एस.एच.बी. के लिए एक रेडी रेकनर का काम करना है। दस्तावेज़ चरण-दर-चरण डी.पी.आर. तैयार करने की प्रक्रिया प्रस्तुत करता है जिसे ई.पी.सी./पी.पी.पी. मोड में निर्मित की जाने वाली विभिन्न पैमाने की परियोजनाओं के लिए निर्माण गतिविधियों को सुचारु बनाने के लिए अपनाया जा सकता है। |
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अर्बन 20 परिऑरिटीज : बेगराउंड रिसर्च एण्ड गुड प्रेक्टिसईज : रिपोर्ट में यू 20 भारत की प्राथमिकताओं से संबंधित महत्वपूर्ण डाटा, आँकड़े संकलित हैं । इसमें प्रासंगिक केस अध्ययन शामिल हैं जिसमें प्राथमिकता वाले छह क्षेत्रों की चुनौतियों और अवसरों पर वास्तविक दुनिया का परिप्रेक्ष्य दर्शाया गया हैं: 'यथा,पर्यावरण की दृष्टि से जिम्मेदार व्यवहार को प्रोत्साहित करना ,' 'जलवायु वित्त त्वरित करना ,' 'जल सुरक्षा सुनिश्चित करना,' 'स्थानीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना,' 'शहरी प्रशासन और नियोजन के लिए ढाँचे का पुनर्निर्माण,' और ' डिजिटल शहरी संभावनाओं को उत्प्रेरित करना ।' कंक्रीट डाटा के पूर्ण जानकारी वाले केस अध्ययनों के मेल से , यह रिपोर्ट सतत , समावेशी और लचीले शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए नवीन समाधान और सर्वोत्तम पद्धति पेश करती है। |
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“क्रियटिंग एक्सेसीबल पार्कस् एंड प्ले स्पेशस" प्ले हैंडबुक: यह रा. न. का सं. और एक डिज़ाइन स्टूडियो, गुडगुडी में चाइल्ड फ्रेंडली स्मार्ट सिटीज़ (सीएफएससी) की अगवाई में एक सहयोगी पहल है। यह शुरुआती बचपन पर एक व्यापक शोध और बच्चों के लिए खेल के स्थान बनाने में सर्वोत्तम प्रथाओं के समावेशन की पराकाष्ठा की द्योतक है। यह एक व्यापक टूलकिट के रूप में कार्य करता है, जो सभी बच्चों के लिए खेल के स्थानों की सुलभता, समावेशिता और समग्र आनंद को बढ़ाने के लिए माध्यम की पेशकश करता है। इसमें भारतीय समुदायों की अनूठी जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किए गए नवीन डिजाइन संबंधी विचार शामिल हैं। गाइड उपयोगकर्ता के अनुकूल है, निर्णयकर्ताओं , निर्वाचित प्रतिनिधियों, पार्क डिजाइनरों और बड़े पैमाने पर समुदायों के लिए उपयुक्त है। यह माता-पिता, शिक्षकों और देखभाल करने वालों के लिए एक अमूल्य उपकरण है, जो भारत भर में बच्चों के जीवन को पुष्ट बनाने वाले खेल के स्थान बनाने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है। |
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मेनेजिंग शैलो एकविफर्स इन सिटीज: इस परियोजना का व्यापक उद्देश्य शहर की जल प्रबंधन कार्यनीति में उथले जलभृत प्रबंधन को मुख्यधारा में लाने के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना है। यह उथले (असंबद्ध/फ़्रेटिक) जलभृतों की बहाली के माध्यम से जल सुरक्षित शहरों को विकसित करने के उद्देश्य से किए गए हस्तक्षेपों पर केंद्रित है , जो भारत के लंबे समय से चले आ रहे जल इतिहास में समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। |
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गाइडबुक फार एडोपशन ऑफ फॉर्म बेस्ड कोड में फॉर्म आधारित कोड और उसके घटक अंशों जैसे स्वरूप आधारित क्षेत्र खाका योजना, शहरी फॉर्म विनियम, संपत्ति विकास कार्ड आदि को अपनाने के लिए सभी उपकरणों और प्रक्रियाओं की व्याख्या दी गयी है। |
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गाइडबुक फार एडोपशन ऑफ फॉर्म बेस्ड कोडस् एसओपी-I में स्वरूप आधारित क्षेत्र खाका योजनाएँ बनाने के लिए सभी उपकरण और प्रक्रियाएँ दी गयी हैं । |
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विश्व आवास दिवस 2023 पर रा. न. का. सं. – ई-गव पत्रिका का विशेषांक इस बात पर प्रकाश डालता है कि विभिन्न चुनौतियों के बावजूद भी , शहर आर्थिक विकास और पुनरुत्थान के लिए अनुकूलन, नवाचार और नेतृत्व करना जारी रखेंगे। यह अंक संबंधित क्षेत्र के अनुभवी नीति निर्माताओं और क्षेत्र विशेषज्ञों द्वारा लिखे गए ज्ञानवर्धक और विचारोत्तेजक लेखों का एक संग्रह है। |
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रा. न. का. सं. ने सतत शहरी विकास -स्मार्ट सिटीज़ II (एस.यू.डी.एस.सी. II) परियोजना के लिए जी.आई.जेड.के साथ एक कार्यनीतिक साझेदारी की शुरुआत की है जिसका कार्यान्वन जर्मन फेडरल मिनिस्ट्री फार एकोनॉमिक कापरेसन एण्ड डेवेलपमेंट (बी.एम.जेड.) की ओर से आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (आ.औ.श.का.मं.), भारत सरकार और डॉयचे गेसेलशाफ्ट फ़र इंटरनेशनल जुस्मेनार्बेट (जी.आई.जेड.) जी.एम.बी.एच. द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। इस परियोजना के तहत, रा. न. का. सं. और जी आई जेड ने सामुदायिक व्यवहार (कम्युनिटीज ऑफ प्रैक्टिस) की स्थापना में सहयोग करने के लिए संयुक्त रूप से "एस.यू.डी.एस.सी. II - वेबिनार श्रृंखला" शुरू की है। वेबिनार श्रृंखला नगरपालिका वित्त, जलवायु लोंच , शहरी व्यवस्था के लिए डिजिटल नवाचारों से संबंधित शहरी विषयों पर केंद्रित क्यूरेटेड संवादों का एक सेट है और इसे 'कनेक्टिव सिटीज नेटवर्क' पर आयोजित किया जाएगा। इस श्रृंखला के तहत तीसरे वेबिनार का शीर्षक " मोबिलाइजिंग रिसॉरसीज फार ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स : ग्रीन बॉन्ड्स" है। वेबिनार का इरादा निवेश अंतराल और बुनियादी ढांचे की जरूरतों की पहचान करने की आवश्यकता; पारंपरिक 'ग्रे' वित्तपोषण साधनों से हरित वित्तपोषण (विशेष रूप से ग्रीन बांड) के विकल्प अपनाने की आवश्यकता; ग्रीन बांड के माध्यम से वित्तपोषण कैसे जुटायें ; विभिन्न स्तरों (केंद्रीय, राज्य, स्थानीय सरकार स्तर) पर एक नीतिगत ढांचे की आवश्यकता आदि पर चर्चा शुरू करना है।
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रा. न. का. सं. ने स्मार्ट शहरों में सतत शहरी विकास - चरण II (एस.यू.डी.एस.सी. II) परियोजना के लिए जी.आई.जेड. के साथ एक कार्यनीतिक साझेदारी शुरू की है, जिसका कार्यान्वयन जर्मन फेडरल मिनिस्ट्री फार एकोनॉमिक कापरेसन एण्ड डेवेलपमेंट (बी.एम.जेड) की ओर से आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (आ.औ.श.का.मं.), भारत सरकार और डॉयचे गेसेलशाफ्ट फ़र इंटरनेशनल जुस्मेनार्बेट (जी.आई. जेड.) जी.एम.बी.एच. द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। इस परियोजना के तहत, रा.न.का.सं. और जी.आई.जेड. ने सामुदायिक व्यवहार (कम्युनिटीज ऑफ प्रैक्टिस) की स्थापना में सहयोग करने के लिए संयुक्त रूप से "एस.यू.डी.एस.सी. II - वेबिनार श्रृंखला" शुरू की है। वेबिनार श्रृंखला, नगरपालिका वित्त, जलवायु लोंच , शहरी व्यवस्था के लिए डिजिटल नवाचारों से संबंधित शहरी विषयों पर केंद्रित क्यूरेटेड संवादों का एक सेट है और इसे 'कनेक्टिव सिटीज नेटवर्क' पर आयोजित किया जाएगा। इस श्रृंखला के तहत दूसरी वेबिनार का विषय " इम्परुविंग अर्बन फाइनेन्स थरु वैल्यू कैप्चर फाइनेंन्सिंग" है। वेबिनार वीसीएफ क्षेत्र के विशेषज्ञों और एजेंसियों/विभागों के विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा जिन्होंने वी.सी.एफ. का वित्तपोषण के लिए एक अभिनव उपकरण के रूप में उपयोग किया है। शहरी विकास परियोजनाओं (जिसमें वी.सी.एफ. टूल के चयन का निर्णय, अपेक्षित कानूनी ढांचा, कार्यान्वयन तंत्र आदि शामिल है) को शुरू करने के लिए वी.सी.एफ. टूल को अपनाने की प्रक्रिया; मेगा ट्रांज़िट परियोजनाएँ अपने आस-पास की भूमि के विकास को कैसे प्रभावित कर सकती हैं और वीसीएफ प्रक्रिया के 4 प्रमुख चरणों [मूल्य सृजन , मूल्य प्राप्ति , मूल्य अभिग्रहण और मूल्य पुनरावर्तन ] में कैसे सहयोग कर सकती हैं; को समझने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा, शहरी स्थानीय निकाय/विभागों के प्रतिनिधि, सार्वजनिक निवेश के परिणामस्वरूप बढ़े हुए भूमि मूल्यों से मूल्य अभिग्रहण हेतु वी.सी.एफ. उपकरणों के कार्यान्वयन में की गयी अपनी प्रगति का प्रदर्शन करेंगे। सफल होने और बेहतर नगरपालिका वित्त प्राप्ति के लिए चुनौतियों और अपनाए गए तरीकों पर चर्चा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
Description :
राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान (रा.न.का.सं.) और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एन.एम.सी.जी.) सीईपीटी विश्वविद्यालय , अहमदाबाद के साथ साझेदारी में आपको स्टूडेंट थीसिस कॉम्पिटिशन (एस.टी.सी.) के तीसरे सत्र के ग्रैंड फिनाले में आमंत्रित कर रहे हैं। हमें यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि भारत के 10 विभिन्न राज्यों के 14 संस्थानों से 20 असाधारण छात्रों को प्रतियोगिता के अंतिम दौर के लिए चुना गया है। इन उभरते परिवर्तनकारियों ने न केवल पर्यावरणीय स्थिरता के लिए अपने भावावेश का प्रदर्शन किया है बल्कि शहरी नदी प्रबंधन के लिए अभिनव और व्यावहारिक समाधान भी दर्शाए हैं। ग्रैंड फिनाले ज्ञान साझा करने, प्रेरणा और सौहार्द का एक कार्यक्रम होने का वचन देता है, चूंकि ये प्रतिभाशाली मानस सम्मानित न्यायाधीशों और उत्साही दर्शकों के सामने अपने शोध और प्रस्ताव पेश करते हैं।
यहां पंजीकरण करें: https://shorturl.at/fkxE4Description :
रा. न. का. सं. (रा.न.का.सं.) में शहरी युवा एकक ''रा.न.का.सं. युथ वीक'' के अपने पहले संस्करण का उत्सव मना रही है, जिसका उद्देश्य निर्णय लेने की प्रक्रिया में युवाओं की क्रमश: सक्रिय भागीदारी प्रवृत करना है।
Description :
https://niua.in/regional-workshop-standards-guidelines-and-specifications
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राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान (रा.न.का.सं.) ने जी.आई.जेड. द्वारा लागू परियोजना 'सतत शहरी विकास - स्मार्ट सिटीज़ II' (एस.यू.डी.एस.सी. II) के 'शहरों में जोखिम-सूचित, एकीकृत, रेसिलिएंट और सतत शहरी विकास को मुख्यधारा में लाने के लिए कार्यनीति साझेदारी' अनुदान पोषित इस परियोजना के तहत कम्युनिटी ऑफ प्रैक्टिस (सी.ओ.पी.) की स्थापना में समर्थन के लिए एक वेबिनार श्रृंखला शुरू की है। वेबिनार श्रृंखला 'कनेक्टिव सिटीज' प्लेटफॉर्म पर आयोजित की जाएगी जिसे एस.यू.डी.एस.सी. की टीम तथा रा.न.का.सं. द्वारा संचालित किया जाएगा। 'एकीकृत डिजिटल सिस्टम के माध्यम से सेवा आपूर्ति में वृद्धि' शीर्षक पर पहला वेबीनार दो विशेषज्ञ प्रस्तुतियों के साथ आयोजित किया जाएगा जिसके बाद एक केस स्टडी चर्चा होगी। इस वेबिनार का उद्देश्य चुनौतियों (अर्थात् संगठन की क्षमता, संसाधन की कमी, डिजिटल विभाजन, डेटा सुरक्षा, गोपनीयता, पारस्परिक संचालन और एकीकरण, संगठनात्मक परिवर्तन प्रबंधन, आदि) को समझने के साथ-साथ डिजिटल रूप से प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न परिवर्तित शहरी कार्यों और सेवा आपूर्ति की विशेषताओं तथा इन्हें नियंत्रित करने के उपायों का पता लगाना है। एकीकृत डिजिटल प्रणालियों का लाभ उठाकर, शहर अपने निवासियों और हितधारकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी दक्षता, प्रभावशीलता और सेवा आपूर्ति की समग्र गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं।
Description :
National Institute of Urban Affairs is organising a 'Dialogue on Clean and Sustainable Hill States' at India Habitat Centre, New Delhi on 19th June 2023!
This event is a crucial step towards addressing the challenges faced by the Himalayas, the world's youngest mountain ranges. Rapid urbanisation has negatively impacted their hydrological systems, leading to reduced water availability and increased vulnerability for mountain inhabitants. Deforestation, biodiversity loss, and heightened natural hazards further worsen the situation. The hill states in this region, which includes India's fastest-growing cities, face significant obstacles due to their complex geography and the effects of the climate crisis.
To tackle these issues, NIUA and BORDA- South Asia have structured a forum called Parvat-Manthan on "Clean and Sustainable Hill States''. This initiative aligns with the UN-SDG's 'Decade for Action' and PM Narendra Modi's vision for India's G20 presidency. It also relates to the Urban 20 (#U20) agenda, prioritising water security and climate finance.
The dialogue aims to foster collaboration and innovation for a greener future in the Himalayan region. The delegates from various ministries and Urban Development Departments from 12 Himalayan States & UTs will be participating, including Jammu & Kashmir, Ladakh, Himachal Pradesh, Uttarakhand, Sikkim, and the North East Seven Sisters. The discussion will revolve around key challenges and solutions related to WASH (water, sanitation, and hygiene) to ensure sustainable development in these breath-taking states.This dialogue will provide a unique opportunity for experts, think tanks, and stakeholders to exchange ideas, experiences, and best practices.
The event will be live-streamed at - https://www.youtube.com/watch?v=up1vRwTJyYc
We encourage you to join this dialogue in shaping a prosperous future that preserves the beauty and integrity of our hill states!
List of Speakers
Location: Silver Oak, India Habitat Centre
Event Webpagehttps://scbp.niua.org/?q=content/forum-inclusive-and-resilient-sanitation-hill-cities
Description :
रा.न.का.सं. दिनांक 3 से 5 जून 2023 तक न्यू टाउन, कोलकाता में पहला शहरी जलवायु फिल्म महोत्सव का आयोजन कर रहा है। इसका आयोजन यू20 के संपर्क कार्यक्रमों के तहत मार्च 2023 में नई दिल्ली में लॉन्च फिल्म महोत्सव सी.आई.टी.आई.आई.एस. कार्यक्रम के माध्यम से किया जा रहा है। 12 देशों की 16 फिल्मों और विशेषज्ञों तथा फिल्म निर्माताओं के साथ पैनल चर्चा सहित कोलकाता में महोत्सव का उद्देश्य दर्शकों को शहरों पर जलवायु परिवर्तन के पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक प्रभावों के बारे में बताना तथा उन्हें पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार व्यवहार और जीवन शैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। महोत्सव में 5 जून को एक विशेष समापन समारोह के साथ- साथ विश्व पर्यावरण दिवस भी मनाया जाएगा, जिसमें श्री डिडिएर तलपैन, (कोलकाता में फ्रांस के कंसूल जनरल) और श्री देबाशीष सेन (प्रबंध निदेशक, पश्चिम बंगाल हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) उपस्थित रहेंगे। यह महोत्सव आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, फ्रांसीसी विकास एजेंसी (ए.एफ.डी.), यूरोपीय संघ और न्यू टाउन कोलकाता ग्रीन स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा समर्थित है।
Description :
दिनांक 24 मार्च 2023 को नई दिल्ली में शहरी जलवायु फिल्म महोत्सव शुरू किया गया था जिसके उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता जी20 शेरपा श्री अमिताभ कांत ने की। मुख्य भाषण पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अवर सचिव सुश्री ऋचा शर्मा ने दिया। इस महोत्सव का उद्देश्य शहरों पर जलवायु परिवर्तन के पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक प्रभावों के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करना और शहरी बस्तियों को अधिक जलवायु-रेसिलिएंट बनाने के लिए कार्रवाई प्रेरित करना है। यह महोत्सव फिल्म निर्माताओं, शहरी चिकित्सकों, पर्यावरणविदों और जलवायु से संबंधित गंभीर चिंताओं पर प्रकाश डालने वाले अन्य व्यक्तियों और संगठनों के लिए मंच भी प्रदान कर रहा है। महोत्सव के लिए प्रविष्टियों के लिए वैश्विक कॉल में 20 से अधिक देशों से 150 प्रस्तुतियाँ प्राप्त हुईं। निर्णायक मंडल द्वारा नामांकित 27 फिल्में, विवेकपूर्ण चयनित अन्य प्रसिद्ध फिल्मों सहित, नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और अहमदाबाद में महोत्सव में क्रमबद्ध तरीके से दिखाई जा रही हैं।
Description :
जब से एन.यू.एल.पी. ने “अर्बन लर्नथॉन" लांच किया है तब से वह सफलता की ऊँचाईयाँ छू रहा है, जिसका उद्देश्य "शहरों को अच्छे ढंग से कार्य करने में सक्षम बनाने के लिए शहर के चैंपियनों - जिन्होंने दिन-रात काम काम करते हुए सर्वोत्तम प्रथाओं/शहरी समाधानों का निर्माण किया है, उनका संग्रहण, साझा करना और उपभोग करना है।" अर्बन लर्नथॉन की टैगलाइन सरल है, जो एन.यू.एल.पी. के सार तत्व को परिभाषित करती है - सृजन - उपयोगकर्ता-जनित सामग्री का निर्माण, सहयोग - शहरी चुनौतियों का मिलकर समाधान करना, खुशी मनाना - एन.यू.एल.पी. चैंपियंस के रूप में पहचान बनाना।
Description :
रा.न.का.सं. को आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के स्मार्ट सिटी मिशन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते हुए, देश के युवाओं को एक साथ लाने, उनके कार्य और क्षमता का प्रदर्शन करने कार्य उन्हें भावी योग्य प्रमुख बनने में मदद करने के लिए भव्य कार्यक्रम आयोजित करने पर गर्व है। भारत की युवा आबादी को देश के भावी निर्माण में प्रतिभागिता करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए दिनांक 13 और 14 मार्च 2023 को 2 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसके बारे में हमारा मानना है कि यह भारत की जी-20 अध्यक्षता के वर्ष में एक अग्रणी कार्यक्रम होगा।
Description :
Here’s our lineup of panellists who will be sharing insightful presentations and talks on a session on ‘Innovative indigenous case studies for river management’
The core objective of RCA is to provide the member cities with a platform to discuss and exchange information on aspects that are vital for sustainable management of urban rivers.
The supplementary objective of RCA is for NMCG, NIUA and partners to provide dedicated technical and handholding support to the member cities as they implement interventions for river-sensitive development.
Description :
अहमदाबाद शहर की अध्यक्षता में 2023 चक्र के लिए यू20 शेरपा बैठक दिनांक 9 और 10 फरवरी को होगी। इस कार्यक्रम में जी20 देशों के महापौर शहरों द्वारा संचालित वैश्विक परिवर्तन के लिए रोडमैप का मसौदा तैयार करने के लिए एक साथ आएंगे।
Description :
सिटी क्लाइमेट अलायंस के साझेदारों की बैठक 'एलायंस@यू20' में यू20 पहल में गठबंधन के साझेदारों की भागीदारी पर एक चर्चा सत्र आयोजित किया जाएगा। इसके बाद सोमवार, दिनांक 16 जनवरी, 2023 को प्रातः 11 बजे इंडिया हैबिटेट सेंटर (आई.एच.सी.) के जुनिपर हॉल में हैंडबुक 'गुड प्रैक्टिसेज इन क्लाइमेट एक्शन - ए सिटी क्लाइमेट एलायंस पार्टनर्स इनिशिएटिव' का विमोचन किया जाएगा।
हम 'क्लैप नाउ' भी लॉन्च करेंगे, जो शहर के अधिकारियों तथा अन्य हितधारकों के लिए क्लाइमेट सेंटर फॉर सिटीज (सी-क्यूबीई) द्वारा तैयार किया गया एक इंटरैक्टिव कार्ड गेम है, ताकि वे चर्चा, सहयोग कर सकें और साथ मिलकर एक समग्र जलवायु कार्य योजना विकसित कर सकें।
लॉन्च के बाद लंच होगा।
Description :
कार्यशाला को साझेदार देशों में विश्वविद्यालयों और हितधारकों के लिए शिक्षा प्रक्रिया में गुणात्मक सुधार और शैक्षिक वर्कफ़्लो सहयोग सुनिश्चित करने के लिए जलवायु कार्यों को मुख्यधारा में लाने के दृष्टिकोण की प्रासंगिकता पर एक स्वस्थ संवाद को प्रोत्साहित करने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
Description :
दो दिवसीय कार्यक्रम में भारत और ब्राजील के युवा शोधकर्ता हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला के सामने अपने शोध निष्कर्ष और आउटपुट प्रस्तुत करने के लिए एक साथ आएंगे जिसमें राष्ट्रीय सरकारें, शिक्षाविद, नागरिक समाज संगठन और बहुपक्षीय संगठन भी शामिल होंगे। इस कार्यक्रम की योजना समावेशी शहरों के निर्माण के लक्ष्य को साकार करते हुए युवा आबादी को शामिल करने की समग्र समझ हासिल करने के उद्देश्य से बनाई गई है। यह युवा संपर्क मॉडल शहरी संदर्भों में युवाओं के लिए आजीविका के अवसरों की न्यायसंगत सहज पहुंच पर चर्चा को भी प्रोत्साहित करेगा।
Description :
इस कार्यक्रम ने शहरी परिवेश में छोटे बच्चों और उनकी देखभाल करने वालों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने तथा लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए "राष्ट्रीय फोटोग्राफी प्रतियोगिता" शुरू की है। विषयः मेरे विचार से - क्या हमारे शहर छोटे बच्चों और उनकी देखभाल करने वालों के लिए खुशहाल जगह प्रदान कराते हैं? इसी विचारधारा को ध्यान में रखते हुए हम आप सभी से यह समझने का अनुरोध करते हैं कि आपका शहर छोटे बच्चों और उनकी देखभाल करने वालों के लिए कितना अनुकूल या मैत्रीपूर्ण है। इसे चुनौतियों, अच्छी प्रथाओं, जिज्ञासु टिप्पणियों या ऐसी किसी भी वस्तु के माध्यम से चित्रित किया जा सकता है जो चिंता पैदा करती है या आपको छोटे बच्चों (0-6 वर्ष) और देखभाल करने वालों के प्रति किए गए प्रयासों की सराहना करती है।
Description :
देश भर में कई संस्थान एन.बी.एस. और हरियाली से संबंधित परियोजनाएँ चला रहे हैं - जमीनी स्तर पर परियोजना कार्यान्वयन से लेकर निगरानी और मूल्यांकन ढांचे का निर्माण, स्केलेबल मॉडल की पहचान और परीक्षण। इस पारिस्थितिकी तंत्र में हमारे द्वारा बनाए जा रहे संपर्क की गति को बढ़ाने और एन.बी.एस. के विस्तार में तेजी लाने में मदद करने के लिए, हमने हाल ही में एक मंच लॉन्च किया है - द इंडिया फोरम फॉर नेचर-बेस्ड सॉल्यूशंस - जो सी-क्यूब (रा.न.का.सं.) और डब्ल्यू.आर.आई. भारत द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक पहल है। फोरम का उद्देश्य सभी संबंधित हितधारकों को उनकी संबंधित भूमिकाओं का लाभ उठाने, हितधारक समूहों में क्षमता निर्माण करने और अंततः स्थायी समाधानों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ाने के लिए एक मंच पर पारिस्थितिकी तंत्र में कमियों को दूर करने में मदद करना है । कार्यशाला का अस्थायी एजेंडा इस प्रकार है- इंडिया फोरम एनबीएस लॉन्च शेयर (15 मिनट) उद्देश्य और सिद्धांतों का पुनर्कथन (30 मिनट) सिस्टम परिवर्तन ढांचा / हमारे प्रस्ताव (60 मिनट) लंच (45 मिनट) गवर्नेंस मॉडल (60 मिनट) 18 महीनों की कार्य योजना- उपलब्धियाँ तथा वितरण योग्य (60 मिनट) प्रतिबद्धताएँ (45 मिनट) संचार कार्यनीति पर चर्चा (30 मिनट) धन्यवाद प्रस्ताव और तत्पश्चात नेटवर्किंग सत्र।
Description :
Climate Change Mitigation and Adaptation Workshop for cities. More specifically, the workshop/event is aimed at achieving the following objectives: - Involvement of up to 20 Indian cities in the workshop (GCoM and potential signatories) - Overview of the tools available for cities in developing energy and climate change plans. - Demonstrate methodology to calculate GHG emissions inventory and climate risks vulnerability assessment through a hands-on training from the Joint Research Centre of the European Union. - Showcase cities and experts’ experiences from the European Union and Asian region. - Promote the role of the GCoM Asia project and EU frontrunner role for supporting cities towards concrete action on climate change mitigation and adaptation. - Facilitate urban network for climate and development cooperation within India, to promote bilateral climate cooperation between India and the EU
Description :
इस कार्यशाला का आयोजन निम्नलिखित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु किया गया था: क. प्रारंभिक बाल्यावस्था के विकास पर चर्चा में शामिल होने के लिए मंच प्रदान करना । ख . प्रारंभिक बाल्यावस्था के विकास के नए पहलुओं, महत्व और ईसीडी पर शहरी पर्यावरण के प्रभाव पर साझेदार एजेंसियों को उन्मुख करना। ग. मॉड्यूल विकास तथा शहर के अधिकारियों तक इसकी उपलब्धता के लिए भागीदार एजेंसियों के परिप्रेक्ष्य और सीखने व समझने में मदद करना।
Description :
In this perspective, the Inclusive City Centre (ICC) of the National Institute of Urban Affairs (NIUA) aims to organize an International Webinar on ‘Building Inclusive Digital Infrastructure for Resilient and Sustainable Cities’. The webinar aims to bring national/international experts and thought leaders to present best practices on leveraging digital technologies for the benefit of marginalised and vulnerable communities, especially the urban poor, informal workers and persons with disabilities. Acknowledging the urban plurality in India and ensuring that no one is left behind, panelists will be invited to deliberate on three key topics: 1. How to bridge the digital divide for integration of informal sector in the city value chain? 2. How do we use ODPs to help integrate informal settlements in city development? 3. What are the ways to address inclusion of persons with disabilities through accessible IT and assistive technologies? Objectives: The international webinar aims to: Identify the existing vulnerabilities of marginalized communities regarding digital infrastructure. Bridge the digital divide by mainstreaming the needs of the marginalized communities. Leverage existing digital technologies for the inclusion of the informal sector workers and settlements Identify best case studies and scenarios that can be implemented in cities through participatory methods and contextualization Building the capacities to adopt an inclusive approach to creating a robust and accessible digital infrastructure Facilitating cities to invest in digital infrastructure so that everyone including the most marginalized can access digital services with ease Expected Outcomes: Creating a robust city digital infrastructure that is driven by the needs of the people. Especially the urban poor, the informal workers/families and persons with disabilities Aligning the city’s digital governance with the Sustainable Development Goals. Increase the knowledge and capacities of cities on inclusive digital governance Understanding the key issues and challenges that people from the lower strata of the society, with disabilities and informal sector
Description :
The purpose of this Sponsored Thesis Competition is to invite students to align their academic thesis projects with the theme 'Re-imagining Urban Rivers'. The competition aspires to provide students with an opportunity to design blue sky and innovative solutions, for re-imagining the outlook and management of rivers that flow through Indian cities. The competition is organised by the National Mission for Clean Ganga (NMCG) and the National Institute for Urban Affairs (NIUA), under a joint project to promulgate river-sensitive development in Indian cities. Please refer to the attached documents for additional competition details and template for submission of entries. DEADLINE FOR SUBMISSION OF ENTRIES - 17th October 2022
Description :
The National Institute of Urban Affairs (NIUA) and the National Mission for Clean Ganga (NMCG) have prepared Strategic Guidelines for "Making River-Sensitive Master Plans'', intended to help city planners understand how to integrate river-sensitive thinking into a Master Plan. Join us for an extensive two day training programme centered on this notion. This training program is to build the capacities of interested stakeholders in the knowledge and application of these guidelines. Participate by submitting your CV along with a letter of interest, latest by 24th June 2022, at urvers@niua.org. Participants will be issued a certificate upon successful completion of the training.
Description :
The Smart Solutions Challenge is an initiative of the National Institute of Urban Affairs (NIUA) and the United Nations in India to address city-level accessibility and inclusion challenges faced by persons with disabilities, women and girls, and the elderly. The initiative is open to all and seeks to leverage crowd-sourced innovative solutions to achieve the Sustainable Development Goal 11 and the New Urban Agenda guided by the ‘Leave No One Behind’ (LNOB) principle in line with the Rights of Persons with Disabilities (RPwD) Act, 2016 and the UN Convention on the Rights of Persons with Disabilities (UNCRPD).
NIUA and UN in India are looking for innovative ideas, solutions, technologies, products, and business solutions that can help break-down and resolve complex city-level inclusion and accessibility challenges faced by persons with disabilities, women and girls, and the elderly. The Challenge is designed to identify innovative solutions which can be easily adapted or replicated by cities; potential ideas and prototypes that can be incubated; and acknowledge and recognize innovative solutions already implemented within cities in India that are addressing accessibility and inclusion needs of the targeted population.
Description :
राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान, वॉल्वरहैम्प्टन यूनिवर्सिटी एंड अर्बन स्टडीज फाउंडेशन, यूनाइटेड किंगडम की साझेदारी में 13 मई, 2022 को नई दिल्ली में कोविड के बाद शहरों में शहरी अनिश्चितता पर विचार करने हेतुएक दिवसीय शहरी विचारक लैब का आयोजन कर रहा है।
जैसा कि आप जानते हैं, कोविड-19 महामारी ने शहरी असमानताओं और गरीबी, जलवायु परिवर्तन तथा कई अन्य सामाजिक-आर्थिक कमजोरियों से संबंधित चुनौतियां कड़ी कर दी हैं, जिन्हें अक्सर 'शहरी दंड' के रूप में समझाया जाता है। शहरी जीवन पर कोविड-19 के प्रभाव के बारे में बढ़ती चिंताओं के कारण दुनिया के विभिन्न हिस्सों और विभिन्न विषयों से संबंधित शहरी असमानताओं तथा संभावित चुनौतियों पर चर्चा बढ़ रही है। फिर भी, विभिन्न आयामों (सामाजिक, आर्थिक, स्थानिक व सांस्कृतिक) और असमानताओं के कई रूपों (आय, स्थानिक, बुनियादी सेवाओं तक पहुंच, मानव पूंजी के अवसरों की पहुंच ) और शहरों में कोविड के बाद शहरी विभाजन के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभावों पर कुल मिलकर बहुत ज्ञान है।
इस संबंध में, एक दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य कोविड-19 के बाद की में शहरों और शहरी नीति प्रतिक्रियाओं पर पुनर्विचार करना है। इन विचार-विमर्शों के नतीजे एक परामर्शी दस्तावेज़ और कोविड के बाद के युग में शहरी अनिश्चितता पर विचार करने के लिए सुझाए गए रोड मैप का निर्माण करेंगे।
Description :
शहर आयोजना प्रक्रियाओं में छोटे बच्चों और उनकी देखभाल करने वालों को शामिल करने के लिए प्रशिक्षण सामग्री की प्रासंगिकता पर परिचयात्मक स्तर के प्रशिक्षण में प्रतिभागी यूएलबी अधिकारियों की प्रतिक्रिया।
Description :
The BASIIC programme of National Institute of Urban Affairs, United Nations in India, and Foreign, Commonwealth & Development Office (FCDO), UK, is organising a 3-day National Conclave with a focus on gender and disability inclusion and accessible urban development in Indian cities from 28th April 2022 to 30th April 2022 at India Habitat Centre, New Delhi. The Conclave is supported by the Ministry of Housing and Urban Affairs, organisations of persons with disabilities, and technical and knowledge partners. The Conclave aims to provide hands-on guidance through case studies and discussions on covering the full policy cycle from planning to implementation, evaluation, and follow-up mechanisms.The Conclave will bring together policy makers, academia, private sector, thematic experts, implementers to deliberate on city-level accessibility and inclusion challenges, exchange ideas, share technical expertise and knowledge, and contribute to the discourse on Urban Accessibility and Inclusion. The Conclave will deliberate on mainstreaming gender and disability inclusion in the implementation of SDGs, more specifically SDG 11 to ‘make cities and human settlements inclusive, safe, resilient and sustainable’ guided by the principle of ‘Leave No One Behind’ and within the broader framework of the Rights of Persons with Disabilities (RPwD) Act, 2016 and the UN Convention on the Rights of Persons with Disabilities (UNCRPD) - the event is also an attempt towards encouraging city networks and urban practitioners to adopt accessibility and universal design as strategic priorities for the aspirational vision of India@2047.
The objectives of the workshop are as follow : |
Dignitaries |
Ms Lakshmi Puri,
Former Assistant Secretary-Genral at United Nations, and former Deputy Executive Director of UN Women
Mr. Manoj Joshi
Hon’ble Secretary, MoHUA
Mr. Rajesh Sharma,
Joint secretary, DEPwP, MOSJE
Mr. Shombi Sharp,
UN Resident Coordinator
Mr Shantanu Mitra,
Head, Infrastructure & Urban Development, British High Commission, Delhi.
Mr Hitesh Vaidya,
Director, NIUA
Session Moderators |
Dr. B. Mohammed Asheel, WHO India
Mr. Harpreet Singh Arora,
Urban Planner, FCDO
Mr. Ajay Suri, NIUA
Panellists and Presenters |
Mr. Dipendra Manocha, Saksham
Ms. Shilpi Kapoor, Barrier Break
Prof. PVM Rao, IIT Delhi
Dr. Kavi Arya, Professor, IIT-Mumbai
Ms. Mamta Kohli, Senior
Social Development Advisor,
FCDO
Mr. Padam Vijay, NIUA
Panellists and Presenters |
Dr. Kalpana Viswanath, Safetipin
Ms. Nidhi Goyal, Rising Flame
Ms. Madhuri Das, Representative from UNICEF
Ms. Mukta Naik, Fellow, Centre for Policy Research
Prof. Subrata Chattopadhyay,
Professor, IIT-Kharagpur
Panellists and Presenters |
Disability Inclusive lighthouse projects / initiatives: Presentation on “Sugmaya Kashi” by Dr. D Vasudevan, VSCL
‘Empowering Transgender Community through Partcipation in Cuttack’s Water Management’ by Mr. G. Mathivathanan, Principal Secretary of Dept. of Housing and UD, Government of Odisha*
‘Making Cities Socially Smart, Experiences from two Cities’ by Mr. Sriram Haridass, Deputy Representative, UNFPA
‘Role of Data in Urban Governance’ by Ms Aishwarya Sehgal, Programme Associate, Social and Human Sciences, UNESCO
Mainstreaming LNOB as a key principle in national urban policies and programmes in India’ by Ms. Parul Agarwala, UN-Habitat India
‘Embedding Inclusion into the Project Cycle’ Case Studies from CITIIS by Ms. Manshi Singh, CITIIS, NIUA
DAY 2: FRIDAY, 29 APRIL 2022 |
Time |
Session |
09:30 am - 10:00 am |
Introduction to Capacity Building Program on Gender and Disability Inclusion in Indian Cities by Mr. Utsav Choudhury, Team Lead, BASIIC, NIUA and Dr. Kavita Murugkar, Design Bridge Foundation |
10:00 am - 10:15 am |
Pre-training Assessment of Participants |
10:15 am - 10:45 am |
Module 1: Understanding Disability, Gender Diversity and Inclusion 1.1: Introduction to Persons with Disability and Disability-related Inclusions 1.2: Fundamentals of Universal Design, Examples and Applications |
10:45 am - 11:15 am |
Simulation Exercise by Participants and Experience Sharing |
11:15 am - 11:30 am |
TEA/COFFEE BREAK |
11:30 am - 12:00 pm |
Module 2: Accessible, Inclusive and Safe Planning for Women and Girls, Elderly, and Persons with Disabilities
2.1: Building an Accessible city – Components, Issues and Challenges 2.2: Inclusive and Safe Urban Development – Features and Strategies 2.3: Best Practices and Caselets in Inclusive Urban Development |
12:00 pm - 12:15 pm |
Experience Sharing and Interaction with User Expert: Lived Experiences with Mobility Impairment by Ms. Suvarna Raj, Para-athlete |
12:15 pm - 1:00 pm |
- Transforming the Philosophy of Access and Inclusion (Introduction to the Harmonised Guidelines and Standards for Universal Accessibility in India 2021)
by Prof. Gaurav Raheja, HOD, Architecture and Planning, IIT Roorkee |
01:00 pm - 2:00 pm - LUNCH BREAK |
02:00 pm - 2:30 pm |
Orientation to Field Visits and Access Toolkit By Mr. Abhijit Murugkar, Accessibility Expert, Design Bridge Foundation by Mr. Utsav Choudhury, Team Lead, BASIIC, NIUA and Dr. Kavita Murugkar, Design Bridge Foundation |
02:30 pm - 6:00 pm |
Field Visits |
END OF DAY 2 |
DAY 3: SATURDAY, 30 APRIL 2022 |
09:30 am - 10:00 am |
Module 3 - Tools and Techniques for Disability Inclusion |
10:00 am - 10:15 am |
Experience Sharing and Interaction with User Expert: Lived Experiences with Visual Impairment by Ms. Prachi and Ms. Pragya Mahajan |
10:15 am - 10:30 am- TEA/ COFFEE BREAK |
10:30 am - 11:00 pm |
Module 4 - Institutionalising Inclusive Urban Development within Cities |
11:00 am - 11:15 pm |
Experience Sharing and Interaction with User Expert: Lived Experiences with Blood Related Disorders by Ms. Arti Batra, NCPEDP |
11:15 am - 11:45 pm |
Web/Digital Accessibility by Mr. Prashant Verma, Web Accessibility Expert |
11:45 am - 12:15 pm |
Open House Deliberation on Challenges of Implementation of Provisions of Universal Accessibility and Inclusion in Urban Areas |
12:15 pm - 01:00 pm |
Action Plan Preparation and Presentation, Capacity Evaluation and Plan for Impact Assessment |
01:00 pm - 02:00 pm |
Valedictory Function |
01:00 pm - 01:10 pm |
Address by Ms. Parul Agarwala, Country Programme Manager, UN-Habitat India |
01:10 pm - 01:25 pm |
Special Address by Mr. Ved Prakash, Joint Secretary, MoHUA |
01:25 pm - 01:45 pm |
Memento / Certificate Distribution |
01:45 pm - 01:55 pm |
Concluding Remarks by Mr. Hitesh Vaidya, Director, NIUA |
01:55 pm - 02:00 pm |
Vote of Thanks by Ms. Aarti Thakur, Disability Rights Officer, UNRCO |
2:00 PM - 3:00 PM - LUNCH |
END OF DAY 3 |
Description :
Managing urban rivers in a holistic manner is a relatively new and evolving field in India. Until now, the emphasis has solely been on controlling pollution. While this is undoubtedly important, there are several other environmental, economic and social aspects that need to be considered as well. To address this gap, in November 2020, the National Institute of Urban Affairs (NIUA) and the National Mission for Clean Ganga (NMCG) developed a unique framework for managing urban river stretches called the Urban River Management Plan (URMP) framework. It is expected that a number of cities will adopt this framework to prepare their city-specific URMPs in the next few years. This training program is to build the capacities of interested stakeholders in the knowledge and application of this framework.
Description :
अखिल भारतीय स्थानीय स्व-शासन संस्थान दिनांक 31 जनवरी, 2022 को बिल्डिंग एक्सेसिबल सेफ इनक्लूसिव इंडियन सिटीज प्रोग्राम (बीएएसआईआईसी) के सहयोग से, राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान द्वारा कार्यान्वित तथा फॉरेन कामनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस द्वारा समर्थित, ''सभी के लिए शहरों का निर्माण - शहरी विकास में दिव्यांगता समावेशन पर एक परिप्रेक्ष्य'' पर एक ई-संवाद का आयोजन कर रहा है। ई-संवाद के माध्यम से इसका उद्देश्य सार्वभौमिक रूप से सुलभ और समावेशी भारतीय शहरों को विकसित करने के लिए विचारों का आदान-प्रदान करना और प्रवचन स्थापित करना है। ई-संवाद एक बहुआयामी विशेषज्ञ पैनल होगा जो वर्तमान संवाद, उनके अनुभवों और विशेषज्ञता के माध्यम से शहरों की पुनर्व्याख्या करेगा। यह एक बहुआयामी विशेषज्ञ पैनल के माध्यम से शहर के अधिकारियों के लिए दिव्यांगता समावेशन पर प्रशिक्षण से परियोजना के प्रभावों और परिणामों पर भी प्रकाश डालेगा। पंजीकरण लिंक:
Description :
सार्वजनिक अधिकारियों और उद्योगों के लिए जलवायु परिवर्तन प्रबंधन पाठ्यक्रम में नेतृत्व। एक चार-चरणीय हाइब्रिड कार्यक्रम जिसे अग्रणी क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा डिजाइन और वितरित किया जाएगा।
Description :
बेसिक परियोजना ने शहरी पारिस्थितिकी तंत्र में दिव्यांगता समावेशन की अवधारणाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए संस्थान में एक महत्वाकांक्षी सपना शुरू किया था। अब तक की सीख को प्रसारित करने के लिए डिज़ाइन की गई कार्यशाला, शहरों में ज्ञान निर्माण और कार्यान्वयन समर्थन दोनों के लिए समावेशन कार्य को और मजबूत करने के लिए संभावित सहयोग खोजने में भी मदद करेगी। तकनीकी सत्रों में चर्चा के माध्यम से हमारा लक्ष्य भारत के शहरी भविष्य को मुख्यधारा में शामिल करने के एजेंडे को आगे बढ़ाना है। पैनल चर्चाएँ वैचारिक सृजनता से परिपूर्ण चर्चाएँ शुरू करने और विभिन्न हितधारकों के विभिन्न दृष्टिकोणों को समझने के लिए आयोजित की जाती हैं। कार्यशाला का उद्देश्य देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय योगदानकर्ता बनने के लिए हाशिए पर रहने वाले समूहों को सशक्त बनाने हेतु विचार और व्यवहार में "समावेश" की पैरवी करना है। यह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ चतुर्भुज हेलिक्स के भीतर स्थापित पारिस्थितिकी तंत्र को भी प्रदर्शित करेगा। कार्यशाला का उद्देश्य शहर की विकास प्रथाओं में समावेशन, पहुंच और सुरक्षा के सिद्धांतों के एकीकरण के लिए संस्थागत और कार्यान्वयन चुनौतियों पर आगे की चर्चा शुरू करना है। कार्यशाला में अद्यतन " भारत में सार्वभौमिक पहुंच के लिए सामंजस्यपूर्ण दिशानिर्देश" का अनावरण किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के "अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस" के अवसर पर इस कार्यशाला में यूएन-सीआरपीडी के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को सुव्यवस्थित करने पर गहन विचार-विमर्श किया जायेगा। इससे आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय को सभी के लिए अधिक सुलभ, सुरक्षित और टिकाऊ नया भारत बनाने में मुख्यधारा में शामिल होने में मदद मिलेगी। आईआईटी- खड़गपुर की साझेदारी में तैयार किए गए "समावेशी शहर ढांचे" को कार्यशाला के भाग के रूप में लॉन्च और प्रचारित किया जाएगा। कार्यशाला भारत में संयुक्त राष्ट्र (यूएनआरसीओ, यूएन-हैबिटेट और यूएन-ओआईसीटी) के साथ एनआईयूए की सबसे हालिया साझेदारी की प्रस्तावना के रूप में कार्य करेगी जो बीएएसआईआईसी और एनयूएलपी कार्यक्रमों से सीखों के जमीनी कार्यान्वयन पर कार्यनीति बनाने में महत्वपूर्ण होगी । कार्यशाला में आईआईटी- खड़गपुर और आईआईटी- रुड़की के साथ एनआईयूए की साझेदारी के दूसरे चरण को भी प्रस्तुत किया जाएगा, जो नीतियों और दिशानिर्देशों के जमीनी कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों का आत्मनिरीक्षण करेगा। पैनल चर्चाएँ वैचारिक सृजनता से परिपूर्ण चर्चाएँ शुरू करने और विभिन्न हितधारकों के विभिन्न दृष्टिकोणों को समझने के लिए आयोजित की जाती हैं। कार्यशाला का उद्देश्य देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय योगदानकर्ता बनने के लिए हाशिए पर रहने वाले समूहों को सशक्त बनाने के लिए विचार और व्यवहार में "समावेश" की पैरवी करना है।
कार्यशाला के उद्देश्य निम्नानुसार हैंः
श्री दुर्गा एस. मिश्रा, सचिव, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय
सुश्री एवलिन एश्टन-ग्रिफ़िथ, नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग में कार्यवाहक विकास निदेशक और कार्यनीति प्रमुख
सुश्री राधिका कौल बत्रा , संयुक्त राष्ट्र रेजिडेंट समन्वय कार्यालय की प्रतिनिधि
श्री हितेश वैद्य, निदेशक, एनआईयूए
श्री अजय सूरी, वरिष्ठ सलाहकार और प्रमुख समावेशी सिटी सेंटर, एनआईयूए
श्री शांतनु मित्रा, प्रमुख, बुनियादी ढांचा एवं विकास, एफसीडीओ
श्री हरप्रीत सिंह अरोड़ा, शहरी सलाहकार, एफसीडीओ
डॉ. देबोलिना कुंडू, प्रोफेसर, एनआईयूए
सुश्री अपर्णा दास, वरिष्ठ सलाहकार, जीआईज़ेड
श्री निपुण मल्होत्रा, निपमैन फाउंडेशन
डॉ. वासुदेवन , मुख्य महाप्रबंधक, वीएससीएल
सुश्री काकुल मिश्रा, केंद्र प्रमुख, सीडीजी, एनआईयूए
श्री उत्सव चौधरी, टीम लीड, बीएएसआईआईसी, एनआईयूए
श्री अभिनव कौशल , वीएससीएल
श्री इयान मैकिनॉन, जीडीआई हब
श्री पशिम तिवारी, तकनीकी निदेशक, एआईआईएलएसजी
प्रोफेसर गौरव रहेजा, आईआईटी रूड़की
सुश्री कनिका बंसल, प्रोजेक्ट एसोसिएट, बीएएसआईआईसी, एनआईयूए
श्री राजन मुखर्जी, राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन, एनसीटी दिल्ली
श्री आर. श्रीनिवास, टीसीपी, टीसीपीओ
श्री पीपी सिंह, मुख्य नगर आयोजनाकार, राज्य नगर आयोजना विभाग, हरियाणा
श्री सुभाष सी वशिष्ठ , सीएबीई फाउंडेशन
प्रोफेसर सुब्रत चट्टोपाध्याय, आईआईटी, खड़गपुर
प्रोफेसर हैमंती बनर्जी, आईआईटी, खड़गपुर
Description :
राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान तथा बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, भारत और श्रीलंका के लिए यूनेस्को क्लस्टर कार्यालय संयुक्त रूप से मेट्रोपोलिस और सेंटर फॉर हेरिटेज कंजर्वेशन- सीईपीटी रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन, अहमदाबाद के सहयोग से यूनेस्को जनरल कॉन्फ्रेंस द्वारा 10 नवंबर 2011 को अपनाई गई यूनेस्को रिकमेन्डेशन ऑन हिस्टोरिक अर्बन लैंडस्केप (एचयूएल) की 10वीं वर्षगांठ मनाने के लिए वेबिनार का एक विशेष संस्करण आयोजित कर रहा है। यूनेस्को की संस्तुति, मानवीय पर्यावरण की गुणवत्ता को संरक्षित तथा बढ़ाने के उद्देश्य से सार्वजनिक और निजी कार्यों का समर्थन करने के लिए समग्र सतत विकास के बड़े लक्ष्यों के भीतर शहरी विरासत संरक्षण कार्यनीतियों को बेहतर ढंग से एकीकृत और तैयार करने की ज़रुरत को संबोधित करती है। ये वेबिनार एचयूएल दृष्टिकोण को अपनाने की कुछ अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं और शहरी विरासत प्रबंधन के अन्य उदाहरणों पर प्रकाश डालेंगे, साथ ही एचयूएल दृष्टिकोण को लागू करने या अपनी शहरी विरासत को संरक्षित करने के दौरान शहरों के सामने आने वाले अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा सत्र का भी आयोजन करेंगे।
वेबिनार श्रृंखला को अलग-अलग विषयों के साथ चार (4) स्वतंत्र सत्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है:
इस कार्यक्रम को रा.न.का.सं. के फेसबुक पेज और यूनेस्को नई दिल्ली फेसबुक पेज पर भी लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। सत्रों की रिकॉर्डिंग एनआईयूए के यूट्यूब चैनल पर भी उपलब्ध होगी। प्रश्नों या अभिरुचि के लिए, कृपया संपर्क करें: मयूरा गडकरी समावेशी शहर केंद्र-एनआईयू ए अथवा नेहा दीवान यूनेस्को क्लस्टर कार्यालय नई दिल्ली
Description :
अर्जेंट परियोजना के तहत, भारत में जलवायु परिवर्तन और संबंधित संकटों का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए मासिक व्याख्यान श्रृंखला (महीने के आखिरी शनिवार को) आयोजित की जाती है। इस महीने यह श्रृंखला की चौथी चर्चा है, जिसका विषय 'स्थानीय स्तर पर जलवायु कार्यों को मुख्यधारा में लाना' है। आयोजनों का विषय नए दृष्टिकोण विकसित करने की नींव के रूप में भावी प्रभावों को कम करने के लिए लचीले शहरी पारिस्थितिकी तंत्र को डिजाइन करने के सिद्धांतों और व्यावहारिकताओं के साथ-साथ शहरों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को संबोधित करने के लिए विभिन्न प्रासंगिक प्रतिभागियों के साथ शहरी लचीलेपन और स्थानीय कार्यों की प्रासंगिकता पर संवाद प्रोत्साहित करने हेतु डिज़ाइन किया गया है। इस श्रृंखला में लचीले और रहने योग्य शहरों का समर्थन करने के लिए सार्थक ढांचे के अवसरों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर भी चर्चा की जाएगी।
Description :
शहरों के लिए न्यून कार्बन उपायों पर चर्चा
Description :
अर्जेंट टीम इंडिया व्याख्यानों की एक श्रृंखला आयोजित करने की इच्छुक है जो भारत में जलवायु परिवर्तन और संबंधित संकटों का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करेगी। इसमें शामिल की जाने वाली गतिविधियों का विषय भावी प्रभावों को कम करने के लिए नए दृष्टिकोण विकसित करने के साथ-साथ शहरों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को संबोधित करने के लिए विभिन्न प्रासंगिक प्रतिभागियों के साथ शहरी लचीलेपन और स्थानीय कार्यों की प्रासंगिकता पर संवाद को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस श्रृंखला में लचीले और रहने योग्य शहरों का समर्थन करने के लिए सार्थक ढांचे के अवसरों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर भी चर्चा की जाएगी। वर्तमान सत्र मासिक व्याख्यान श्रृंखला का तीसरा सत्र है।
Description :
The URGENT team India intends to conduct a series of lectures that will provide a holistic view of climate change, and related crises in India. The theme of the events is designed to stimulate a dialogue on the relevance of urban resilience and local actions with varied relevant participants to address the impact of climate change on cities along with developing new approaches to reduce impacts in the future. The series will also discuss the opportunities and best practices for meaningful frameworks to support resilient and livable cities. The current session is third on the monthly lecture series.
Description :
The purpose of this sponsored thesis competition is to tap into the intellect and creativity of students to arrive at innovative solutions for re-imagining the outlook and management of rivers that flow through cities and their associated features. This competition provides an opportunity for students with relevant academic background to align their academic thesis research with the themes of the competition described in the next section. The competition is organised by the National Mission for Clean Ganga (NMCG) and the National Institute for Urban Affairs (NIUA), under a joint project that the two organisations are implementing to promulgate river-sensitive development in our cities. Please refer to the attached documents for additional competition details and to download the template for submission of entries. DEADLINE FOR SUBMISSION OF ENTRIES - 21st October 2021
Description :
The URGENT team India intends to conduct a series of lectures that will provide a holistic view of climate change, and related crises in India. The theme of the events is designed to stimulate a dialogue on the relevance of urban resilience and local actions with varied relevant participants to address the impact of climate change on cities along with developing new approaches to reduce impacts in the future. The series will also discuss the opportunities and best practices for meaningful frameworks to support resilient and livable cities. The current session is the first on the monthly lecture series.
Description :
अर्जेंट टीम इंडिया व्याख्यानों की एक श्रृंखला आयोजित करने की इच्छुक है जो भारत में जलवायु परिवर्तन और संबंधित संकटों का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करेगी। इसमें शामिल की जाने वाली गतिविधियों का विषय भावी प्रभावों को कम करने के लिए नए दृष्टिकोण विकसित करने के साथ-साथ शहरों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को संबोधित करने के लिए विभिन्न प्रासंगिक प्रतिभागियों के साथ शहरी लचीलेपन और स्थानीय कार्यों की प्रासंगिकता पर संवाद को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस श्रृंखला में लचीले और रहने योग्य शहरों का समर्थन करने के लिए सार्थक ढांचे के अवसरों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर भी चर्चा की जाएगी। वर्तमान सत्र मासिक व्याख्यान श्रृंखला का पहला सत्र है।
Description :
अर्जेंट टीम इंडिया व्याख्यानों की एक श्रृंखला आयोजित करने की इच्छुक है जो भारत में जलवायु परिवर्तन और संबंधित संकटों का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करेगी। इसमें शामिल की जाने वाली गतिविधियों का विषय भावी प्रभावों को कम करने के लिए नए दृष्टिकोण विकसित करने के साथ-साथ शहरों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को संबोधित करने के लिए विभिन्न प्रासंगिक प्रतिभागियों के साथ शहरी लचीलेपन और स्थानीय कार्यों की प्रासंगिकता पर संवाद को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस श्रृंखला में लचीले और रहने योग्य शहरों का समर्थन करने के लिए सार्थक ढांचे के अवसरों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर भी चर्चा की जाएगी। वर्तमान सत्र मासिक व्याख्यान श्रृंखला का दूसरा सत्र है।
Description :
In the Inception Seminar, we would like to have two input presentations from urban professionals. The presentations will be sharing an enriched experience of working in the field of urban planning in India and the emerging focus on green & blue infrastructure and nature-based solutions. In addition to this, we would like to have input on the presentations made by the partner institutions.
Description :
रा.न.का.सं. में "समावेशी शहर केंद्र (आईसीसी)" द्वारा समावेशी शहर - भारतीय शहरों को सभी के लिए अधिक सुलभ, सुरक्षित और समावेशी बनाने के लिए दृष्टिकोण पर वेबिनार आयोजित किया जाता है। वेबिनार केंद्र की कार्यनीति लॉन्च का जश्न मनाता है और समावेशन तथा शहरी विकास पर चर्चा आरम्भ करता है । यह वेबिनार राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (एनआईयूए) की 45वीं वर्षगांठ समारोह का भी एक हिस्सा है। यह कार्यक्रम पूर्णतया सुलभ है जिसमे लाइव सांकेतिक भाषा की व्याख्या और बंद कैप्शनिंग शामिल होगी। वेबिनार का संक्षिप्त विवरण: दिनांक: 29 जून 2021; मंगलवार समय: 1400-1600 IST (2 घंटे)
Description :
ज्ञान उत्पाद
Description :
इस वेबिनार का उद्देश्य सेप्टेज प्रबंधन पर जमीनी अनुभव साझा करने वाले विशेषज्ञों और चिकित्सकों से जुड़ना है – क्या-क्या कहाँ काम करता है।
Description :
भारत में शहरी जल प्रबंधन और स्वच्छता क्षेत्रों के लिए यह बेहद रोमांचक समय है। इस संदर्भ में स्वच्छता में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों शामिल हैं। जल जीवन शहरी और स्वच्छ भारत 2.0 मिशन के शुभारंभ के साथ, अब जमीनी स्तर पर भी व्यापक कार्य करने के लिए मंच तैयार है। पिछले कुछ वर्षों में इन क्षेत्रों के बारे में ज्ञान और जागरूकता बहुत तेजी से बढ़ी है। इस विचार-मंथन गोलमेज सम्मेलन का उद्देश्य अगले कुछ वर्षों में इन क्षेत्रों के प्रबंधन के लिए समसामयिक और अत्याधुनिक समाधानों तथा तौर-तरीकों पर चर्चा करना है।
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रा.न.का.सं. राष्ट्रीय नोडल प्रशिक्षण संस्थानों के साथ एक ऑनलाइन कार्यनीति बैठक आयोजित कर रहा है। एनआईयूए का लक्ष्य राष्ट्रीय स्तर पर गैर- सीवर स्वच्छता पर क्षमता निर्माण को बढ़ाने के लिए विश्वसनीय नोडल प्रशिक्षण संस्थानों के साथ सहयोग करना है। पिछले 5 वर्षों में,एससीबीपी एक विश्वसनीय मंच के रूप में विकसित हुआ है, जिसमें एन.एफ.एस.एस.एम.ए. के 30+ भागीदार, लगभग 15+ नोडल राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान, 9 विश्वविद्यालय भागीदार और लगभग 15+ क्षेत्र विशेषज्ञ नॉलेज पार्टनर के रूप में शामिल हैं। इस बैठक में, हम एससीबीपी कार्यनीति (कक्षा और डिजिटल क्षमता निर्माण दोनों के लिए) प्रस्तुत करेंगे और एससीबीपी में एनआईयूए के साथ उनकी सहयोगी शक्ति एवं क्षमता के बारे में प्रतिभागी संस्थानों से इनपुट मांगेंगे।
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45वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में रा. न. का. सं.ने 23 से 29 जून तक बहुत-से कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है जिनमें नवीन ज्ञान उत्पादों और वेबसाइटों का विमोचन भी शामिल है। रा. न. का. सं. की स्थापना निर्माण और आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के एक स्वायत्त संगठन के रूप में 1975 में हुई थी। संस्थान ने भारत में शहरी और क्षेत्रीय विकास के क्षेत्र में शोधकर्ताओं और व्यवसायियों के बीच अंतर को पाटने का कार्य शुरू किया और शहरी अनुसंधान की नीति और कार्यक्रम अभिविन्यास पर मार्गदर्शन किया। संस्थान की उपलब्धियों में सबसे उल्लेखनीय हैं; शहरीकरण पर राष्ट्रीय आयोग , 74वें सीएए का मसौदा तैयार करने और राष्ट्रीय मिशनों और कार्यक्रमों के परिणामों को साकार करने में इसका योगदान । संस्थान, भारत में शहरी विकास के लिए एक अग्रणी विचारक और ज्ञान केंद्र के रूप में उभरा है, जिसकी भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को सतत, समावेशी और उत्पादक शहर बनाने के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग और अनुसंधान तथा विकास को बढ़ाने के लिए वांछा थी । इस समय, संस्थान के पांच केंद्र हैं: शहरों के लिए जलवायु केंद्र, डिजिटल व्यवस्था हेतु केंद्र, नगरपालिका वित्त और व्यवस्था के लिए केंद्र, समावेशी विकास के लिए केंद्र, और शहरीकरण एवं आर्थिक विकास के लिए केंद्र, जो संस्थान के बल पर पांच प्रमुख उपकरणों यथा नीति और नियोजन, कार्य अनुसंधान और समर्थन , ज्ञान प्रबंधन और क्षमता निर्माण, प्रौद्योगिकी, डेटा समाधान और नयाचार, और साझेदारी के रूप में राज्यों और शहरों को सहायता प्रदान करते हैं।
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दुनिया भर में 5 जून 2021 को विश्व पर्यावरण दिवस 2021 मनाया जाएगा। विश्व पर्यावरण दिवस 2021 का विषय 'पारिस्थितिकी तंत्र बहाली' है। पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली का तात्पर्य प्रदूषण और वनों की कटाई जैसी गतिविधियों से ख़राब हुए पारिस्थितिकी तंत्र की पुनर्प्राप्ति में सहायता करना है। रा,न. का.सं. 1 जून से 5 जून तक विश्व पर्यावरण सप्ताह मनाएगा तथा इसकी विषय-वस्तु के अनुरूप पोस्टर, फ़्लायर्स, ब्लॉग, पॉडकास्ट और ट्विटर अभियानों के रूप में विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से पारिस्थितिकी तंत्र बहाली में अपनी भूमिका बढ़ाएगा । सोशल मीडिया हैंडल के लिए दस्तावेज़ पर क्लिक करें।
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हम 8-16 मई तक मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह मना रहे हैं। इस सप्ताह के दौरान, बेसिक परियोजना टीम हमारे सभी सहयोगियों, मित्रों, साझेदारों और हितधारकों को इन कठोर क्षणों में, जिनसे हम सब गुजर रहे हैं, अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने की याद दिलाती है । मानसिक स्वास्थ्य और तंदरुस्ती सिर्फ खुश रहने या उसके पीछे भागने से कहीं अधिक है। हम आप सभी को प्रोत्साहित करते हैं कि अपने दैनिक जीवन में स्वस्थ आदतें मन में बैठालें और इसे अपने परिवार और दोस्तों को जोर देकर बताएँ । इस कठिन समय में देखरेख और प्रेम की हल्की चेष्टा भी अवश्य करें । अनुपालन के तौर पर, टीम ने आपको सचेतनता का अभ्यास करने की याद दिलाने के लिए कुछ आसान तरीके जुटाये हैं। कुछ इश्तिहार, खेल और दिलचस्प दृष्टांत डाउनलोड और साझा करने के लिए प्रोजेक्ट पेज पर उपलब्ध हैं। हम आपसे मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के अपने तौर-तरीकों और व्यक्तिगत लघुकथनों के बारे में भी सुनना पसंद करेंगे । आप हमें @NIUA_India और #BASIIC_NIUA ट्विटर पर संपर्क कर सकते हैं या आप हमें - thebasiicproject@niua.org पर लिख भी सकते हैं ।
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राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान (रा.न.का.सं.) बर्नार्ड वैन लीयर फाउंडेशन (बी.वी.एल.एफ.) के साथ साझेदारी में 13 अप्रैल 2021 को यथार्थ में 'इंफेन्ट टोडलर एंड केयरटेकर-फ्रेंडली नेबरहूड़स (आई.टी.सी.एन.) प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम' शुरू करेगा। यह कार्यक्रम भारत में छोटे बच्चों और परिवार के अनुकूल शहरों को विकसित करने के लिए शहर के अधिकारियों और युवा पेशेवरों की क्षमता का निर्माण करने में सहायता करने के लिए तैयार किया गया है।
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रा.न.का.सं. 2 अप्रैल 2021 को विश्व ऑटिज्म दिवस के परिप्रेक्ष में दिव्यांग बच्चों के लिए एक पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है। प्रतियोगिता को बिल्डिंग एक्सेसिबल, सेफ एण्ड इनक्लूसिव इंडियन सिटीज (बेसिक) परियोजना का समर्थन प्राप्त है। प्रतियोगिता 2 अप्रैल (विश्व ऑटिज्म दिवस) को शुरू की जाएगी और छात्रों को पेंटिंग पर काम करने के लिए 7 दिनों का समय दिया जाएगा जिसे 9 अप्रैल 2021 तक जमा करना होगा। प्रतियोगिता में तीन श्रेणियां होंगी, कनिष्ठ (5-7 वर्ष), माध्यमिक (7-10 वर्ष), और वरिष्ठ (10-13 वर्ष)। प्रत्येक श्रेणी में उनकी पेंटिंग के लिए एक विशिष्ट विषय रहेगा । अधिक जानकारी के लिए कृपया प्रतियोगिता फ़्लायर देखें। सभी प्रविष्टियों को भागीदारी का प्रमाण पत्र मिलेगा और प्रत्येक श्रेणी में चयनित प्रविष्टियों को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। चुनी गयी प्रविष्टियाँ रा.न.का.सं. के सोशल मीडिया हैंडल और रा.न.का.सं.की वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएंगी। इसमें भाग लेने के लिए कृपया अपनी प्रविष्टियाँ - thebasiicproject@niua.org पर भेजें और नियम एवं शर्तों के लिए प्रतियोगिता विवरणिका देखें।
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"द बेसिक ग्लोबल फोटो कॉन्टेस्ट" का उद्देश्य - समावेशन पर दृष्टिपात से उन नागरिकों के एक वैश्विक समुदाय को आकर्षित करना है जो समावेशी समाधानों का पता लगाने के लिए सजग हैं, जो दिव्यांगों की जरूरतों से परिचित हैं और सक्रिय रूप से ऐसे साधनों की तलाश करते हैं जिनसे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार आ सके । इस प्रकार के प्रयास से यह प्रत्याशा है कि प्रतियोगिता से फोटोग्राफी की आम भाषा के माध्यम से नीति निर्माताओं, व्यवसायियों, समाधान प्रदाताओं और नागरिकों को प्रभावित किया जा सकेगा , चाहे उनकी उम्र या फोटोग्राफिक अनुभव का स्तर कुछ भी हो। हमने "बेसिक ग्लोबल फोटो प्रतियोगिता"-समावेशन पर दृष्टिपात के लिए केंद्रीय विषय के रूप में "समावेश" को चुना है । विषय तीन प्रमुख क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें शहरी जीवन दिव्यंागों की जरूरतों के अनुरूप होना चाहिए - - सार्वभौमिक पहुंच (निर्मित वातावरण में), - नवाचार और प्रौद्योगिकियां, - अद्वितीय हस्तक्षेप (यानी, सरकारी नीतिओं या सांस्कृतिक प्रथाओं या समाज में बदलाव लाने वालों के माध्यम से), प्रतिभागियों को शहरी परिवेश के विषयगत क्षेत्रों की अपनी व्यक्तिगत फोटोग्राफिक अभिव्यक्ति को कैप्चर करने और साझा करने और कमजोर लोगों के परिदृश्य को उजागर करने के प्रयास के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। प्रवेश फॉर्म को नीचे दिए गए स्मार्टनेट लिंक से प्राप्त किया जा सकता है, और उपलब्ध संकल्प 30 अप्रैल 2020 तक https://smartnet.niua.org/basiic-programme से प्राप्य है । अधिक जानकारी और लॉगिन से संबंधित मुद्दों के लिए कृपया बेझिझक हमें - thebasiicproject@niua.org पर लिखें।
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29 जनवरी, 2021 को एक सार्वजनिक एमजीआई वेबिनार शहरों में कोविड-19 की प्रतिक्रियाओं और जलवायु कार्रवाई के बीच तालमेल और संबंधों का पता लगाएगा। एमजीआई संकाय और परियोजना के पथप्रदर्शक शहरों कोच्चि (भारत), साल्टिलो (मेक्सिको) और पिउरा (पेरू) के कर्ताओं द्वारा पहचाने गए महत्वपूर्ण लिवरों और हस्तक्षेपीय क्षेत्रों के आधार पर, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के काम और कोरोना महामारी और जलवायु संकट के मिलान के सर्वोत्तम नित्यप्रयोगों को गहराई से परखा जा सकता है।.
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अखिल भारतीय स्थानीय स्वशासन संस्थान, यू.एन.ओ.पी.एस. - सिटीज एलायंस, डब्लू.आई.ई.जी.ओ., आर.सी.यू.ई.एस. मुंबई और यू.सी.एल.जी. ए.एस.पी.ए.सी. ने शहरी प्रबंधन मुद्दों पर जानकारी के आदान-प्रदान के लिए ग्लोबल साउथ के शहरों के लिए एक इंटरैक्टिव मंच बनाने के लिए सहयोग किया है। डेटा प्रयोगशाला की श्रृंखला में यह तीसरी संयुक्त वेबिनार शहरी स्तर पर कुशल प्रतिक्रियाओं के लिए डेटा और आई.सी.टी प्रणालियों की भूमिका का पता लगाएगी ताकि मेक्सिको और भारत की सर्वोत्तम प्रथाओं के माध्यम से कोई भी पीछे न छूटने पाए । पिछली दो प्रयोगशालाओं ने क्रमशः नवोन्मेषी चिकित्सीय समाधानों पर और शहरों की कोविड-19 प्रतिक्रिया में ठोस टिकाऊ समाधान तैयार करने के लिए बनाईं साझेदारियाँ पर ध्यान केंद्रित किया । चिकित्सकों, शिक्षाविदों और इच्छुक जनता को इस निशुल्क वेबिनार और गोलमेज बहस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
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पूरे विश्व में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव उत्तरोत्तर महसूस किये जा रहे हैं । खतरे अधिक तेज गर्म हवाओं और सूखे, बढ़ते समुद्री स्तर और मौसम की उग्र घटनाओं के रूप में आते हैं। ऐसे प्रभाव विशेष रूप से निम्न-आय वाले देशों को प्रभावित करते हैं, जहां आबादी अपने प्राकृतिक पर्यावरण पर बहुत अधिक निर्भर करती है और बदलती जलवायु परिस्थितियों से निपटने और उनके अनुकूल ढालने के लिए उनके पास बहुत कम संसाधन होते हैं। कुछ क्षेत्र जो वर्तमान में किसानों, मछुआरों या शहरी निवासियों को जीवननिर्वाह के लिए आजीविका प्रदान करते हैं, भविष्य में निर्जन हो सकते हैं। इन परिस्थितियों में, प्रभावित परिवारों के लिए अस्तित्व सुनिश्चित रखने के लिए संकटग्रस्त क्षेत्रों से पलायन ही एकमात्र व्यवहार्य कूटनीति हो सकती है। यह वेबिनार नीति निर्माताओं,व्यवसायियों और विज्ञान विशेषज्ञों को एक साथ लाते हुए जलवायु परिवर्तन, अनुकूलन और प्रवसन के बीच संबंधों को तलाशता है। हाल के साक्ष्यों और प्रकरण अध्ययनों के आधार पर, वक्ता और पैनलिस्ट प्रभावित समुदायों के लिए जलवायु परिवर्तन के निहितार्थों पर चर्चा करेंगे और अनुकूलन चुनौतियों और जलवायु-प्रेरित प्रवासन की भूमिका पर प्रकाश डालेंगे।
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भवन, नगर कार्य और स्थानिक विकास अनुसंधान संघीय संस्थान (बी.बी.एस.आ.र) और राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान (रा.न.का.सं.) ने साक्ष्य-आधारित अनुसंधान और विशेषज्ञ पद-स्थापन के साथ-साथ नीतिगत परामर्श के विभिन्न पहलुओं पर सहयोग करने की मंशा से एक संयुक्त घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किए। हमारे सहयोग के एक अंश के तौर पर , हम अपने संयुक्त शोध के निष्कर्षों को प्रस्तुत करने और अगले चरण की कारवाई पर चर्चा करने के लिए 9 दिसंबर, 2020 (9:00 से 12:00,सीईटी ; 1:30 से 4:30 आई.एस.टी.) पर एक आभासी संयुक्त कार्यशाला का आयोजन कर रहे हैं। कार्यक्रम की कार्यसूची संलग्न है। कृपया ध्यान दें कि कार्यसूची का समय मध्य यूरोपीय समय जोन में है। हम इससे 4 घंटे 30 मिनट आगे हैं।
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जी.आई.जेड. भारत ने "बैक टू द सिटी" शीर्षक से एक संदर्शिका श्रृंखला के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में कोविड-संकट से निपटने के लिए विचारों के एक संकलन के प्रकाशनार्थ सी.ई.पी.टी. विश्वविद्यालय के साथ सहयोग किया। संदर्शिका हमारे शहरों में सार्वजनिक स्थलों की गंभीरता और नए प्रोटोकॉल की आवश्यकता पर प्रकाश डालती हैं जिनका हमें इन स्थलों पर पालन करना चाहिए। यह सार-संग्रह सरकार, नागरिकों और निजी हितधारकों के लिए उपयोगी है क्योंकि इसमें कोविड के प्रति संवेदनशील शहरों के लिए जिम्मेदारियाँ निर्धारित की गयी हैं । इन संदर्शिकाओं पर विचार-विमर्श को आगे बढ़ाने के लिए, 08 दिसंबर 2020, मंगलवार को भारतीय समय 03:00-05:00 बजे एमएस टीम्स प्लेटफॉर्म पर एक वेबिनार निर्धारित है। वेबिनार का उद्देश्य शहरों में कोविड सुरक्षित फासला रखने के चलन को बढ़ावा देना और शहर के प्रमुख हितधारकों के अनुभवों से सीखना है। संबंधित दस्तावेज़:
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रा.न.का.सं. और एफ.सी.डी.ओ. 'सुलभ, सुरक्षित और समावेशी भारतीय शहरों का निर्माण' बेसिक परियोजना तहत दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के वार्षिक उत्सव के परिप्रेक्ष्य में 3 दिवसीय कार्यशाला की (1, 2 और 3 दिसंबर को) मेजबानी कर रहे हैं। इस उत्सव का समापन 3 दिसंबर 2020 को एक सोशल मीडिया सहभागिता कार्यक्रम के साथ करने की योजना है। उत्सव का उद्देश्य दिव्यांग लोगों के प्रति सार्वजनिक जागरूकता, समझ और अपनत्व बढ़ाना और अधिक न्यायसंगत और साम्यापूर्ण शहरी वातावरण के निर्माण में उनकी उपलब्धियों और योगदान का गुणगान करना है।
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रा.न.का.सं.और एफसीडीओ 'सुलभ, सुरक्षित और समावेशी भारतीय शहरों का निर्माण' (बेसिक) परियोजना के तहत दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के वार्षिक उत्सव के परिप्रेक्ष्य में 3 दिवसीय कार्यशाला की (1, 2 और 3 दिसंबर को) मेजबानी कर रहे हैं। इस समारोह का समापन 3 दिसंबर 2020 को वस्तुतः आयोजित होने वाले एक मुख्य कार्यक्रम के साथ करने की योजना है। दूसरे दिन एक आकर्षक वेबिनार है जिसका उद्देश्य शहरों, स्थलों और भवनों के डिजाइन और विकास में " दिव्यांगता समावेशन" के अभिनव वरन व्यावहारिक दृष्टिकोणों पर प्रकाश डालना है। चर्चा से प्रमुख चुनौतियों का पता चल पाएगा, सभी दिव्यांगताओं और भावी शहरों की आकांक्षाओं के अनुकूल नवीन डिजाइन समाधानों की पहचान हो सकेगी। वेबिनार का उद्देश्य स्थानीय और प्रासंगिक "समावेशी" समाधान विकसित करने के लिए युवा पेशेवरों और शहरी व्यवसायी के बीच जिज्ञासा पैदा करना है ।
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संदर्भ विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि एक अरब से अधिक लोग यानि विश्व की लगभग 15% आबादी किसी न किसी रूप में दिव्यांगता का अनुभव करती है। इस कारण से, सतत विकास लक्ष्यों में, कई प्रकार से शिक्षा, विकास और रोजगार, असमानता, मानव बस्तियों तक पहुंच (आवास प्रबंध) और डेटा संग्रह तथा समाज में कमजोर लोगों को सशक्त बनाने के लिए एसडीजी के निगरानी से संबंधित क्षेत्रों पर स्पष्ट रूप से चर्चा की गयी है। इस संदर्भ में, राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान, बेसिक परियोजना के माध्यम से, इन असमानताओं को दूर करने और सुचारु रूप से शहरी एजेंडे में शामिल करने की पहल कर रहा है। यूके सरकार के एफ.सी.डी.ओ. के सहयोग से राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान (रा.न.का.सं.) में सुलभ सुरक्षित समावेशी भारतीय शहरों का निर्माण (बेसिक) परियोजना विकसित किया गया है। कार्यक्रम की शुरुआत माननीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रणा के दौरान सामने आई अनुशंसाओं पर की गई थी। सितंबर 2018 में सम्पन्न मंत्रणा के दौरान दिव्यांग व्यक्तियों (पी.डब्ल्यू.डी.) के लिए उपाय और नीति संबंधी अनुशंसाएँ तैयार करने के लिए विशेषज्ञों से पूरी जानकारी मांगी गयी थी। भारतीय शहरों और व्यवसायियों की क्षमता के निर्माण में बेसिक का मुख्य लक्ष्य उन्हें दिव्यांग व्यक्तियों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील और उत्तरदायी बनाना है। बेसिक शहरी विकास के ढांचे में "पहुंच, सुरक्षा और समावेशिता" के पहलुओं को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। पिछले दो दशकों से अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) दिव्यांग व्यक्तियों के सामने आने वाली बाधाओं को कम करने के लिए विभिन्न क्षमताओं में काम कर रहा है। " अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग व्यक्ति दिवस" प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को मनाया जाता है, जिसकी घोषणा 1992 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव 47/3 द्वारा की गयी थी । इस दिवस को मनाने का उद्देश्य विकलांगता से जुड़ी समस्याओं की समझ को बढ़ावा देना और दिव्यांग व्यक्तियों की गरिमा, अधिकारों और कल्याण के लिए समर्थन जुटाना है। इस दौरान यह भी जिज्ञासा रहती है कि राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन के हर पहलू में दिव्यांग व्यक्तियों को संघटित कर प्राप्त जागरूकता के माध्यम से लाभ उठाया जाए । कोविड -19 महामारी से सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, दिव्यांग व्यक्तियों के सामने आने वाली चुनौतियों के बीच संबंध मजबूत हुए हैं और भवनों और शहरों की योजना कैसे बनाई गई है, यह गौण हो गया गया है। इसकी गूंज संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाई गई इस वर्ष की थीम "बिल्डिंग बैक बेटर: टुवर्ड ए डिसेबिलिटी-इनक्लूसिव, एक्सेसिबल एंड सस्टेनेबल पोस्ट-कोविड-19 वर्ल्ड" में उठी है। यह दिवस पूरे भारत में संबंधित सरकारी विभागों, दिव्यांग व्यक्तियों के संगठनों और अन्य हितधारकों द्वारा मनाया जाता है। मात्र दिवस मनाने से कहीं अधिक , इस दिवस का उत्सव अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रति एकजुटता और यू एन कन्वेंशन ऑन राइट्स आफ प्रसन्ज विद डिसेबीलीटिज (यू.एन.सी.आर.पी.डी.) के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का द्योतक है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर, बेसिक परियोजना ने " दिव्यांगता समावेशन" पर तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित करने की योजना बनाई है। कार्यशाला शहरी स्थल और डिजाइन में समावेशन लाने, प्रतियोगिताओं के लिए खुले आमंत्रण देकर युवाओं और नागरिकों के साथ जुड़ने तथा सम्बद्ध विषयों पर रा.न.का.सं. द्वारा विकसित ज्ञान उत्पादों के प्रमोचन के माध्यम से जागरूकता फैलाने के व्यावहारिक तरीके खोजने के लिए विशेषज्ञों के साथ विशेषज्ञ व्याख्यान और वेबिनार का आयोजन कर रही है। हम क्या हासिल करना चाहते हैं? दिव्यांगता दिवस समारोह का उद्देश्य दिव्यांग लोगों के प्रति जन जागृति, समझ और अपनत्व बढ़ाना और उनकी उपलब्धियों और योगदान का गुणगान करना है। कार्यशाला का उद्देश्य जनता के साथ जुड़ना और युवा पेशेवरों, छात्रों, यूएलबी अधिकारियों, शहरी व्यवसायियों और अन्य हितधारकों के बीच जागरूकता को बढ़ावा देना और उन्हें दिव्यांग व्यक्तियों की चिंताओं के बारे में संवेदनशील बनाना है। इसका इरादा एक कार्योन्मुख दृष्टिकोण प्रस्तुत करने और दिव्यांगता को शहरी कार्यसूची की मुख्यधारा में शामिल करने के नवीन वरन व्यावहारिक तरीकों पर चर्चा करना भी है। पहला दिन https:// primetime.bluejeans.com/a2m/register/rwapufeb दूसरा दिन https:// primetime.bluejeans.com/a2m/register/kjuhwpqa तीसरा दिन https:// primetime.bluejeans.com/a2m/register/ ddqdazek
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रा.न.का.सं.और एफ.सी.डी.ओ. 'सुलभ, सुरक्षित और समावेशी भारतीय शहरों का निर्माण' (बेसिक) परियोजना के तहत दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के वार्षिक उत्सव के परिप्रेक्ष्य में 3 दिवसीय कार्यशाला की (1, 2 और 3 दिसंबर को) मेजबानी कर रहे हैं। इस समारोह का समापन 3 दिसंबर 2020 को वस्तुतः आयोजित होने वाले एक मुख्य कार्यक्रम के साथ करने की योजना है। पहले दिन, 1 दिसंबर का आयोजन बेसिक परियोजना के तहत नियोजित व्याख्यान श्रृंखला का उद्घाटन सत्र है। इसका उद्देश्य भागीदार शहरों/राष्ट्रीय/क्षेत्रीय स्तर के विषय-वस्तु विशेषज्ञों, परिवर्तन में साझेदार, प्रासंगिक हितधारकों के साथ जुड़ना है जो दिव्यांगता समावेशन के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और शहरी वातावरण में दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के सामने आने वाली बाधाओं/चुनौतियों से निपटने की आवश्यकता को समझते हैं ।
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रा.न.का.सं. की एन.एम.सी.जी. परियोजना टीम आपको *गंगा उत्सव 2020* में आमंत्रित कर प्रसन्नता महसूस कर रही है। यह आयोजन तीन दिनों तक चलने वाला आभासी (ऑनलाइन) उत्सव है, जो नदियों के कायाकल्प और पुनःपूर्ति के महत्व को दर्शाता है। आयोजन के समापन समारोह 4 नवंबर 2020, बुधवार के दिन , 11:30 से 14:10 बजे तक प्रकाशनों की एक श्रृंखला का लोकार्पण और विमोचन हो रहा है। इसे माननीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ; जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री, श्री रतन लाल कटारिया ; जर्मनी के महामहिम राजदूत; और श्री हितेश वैद्य, निदेशक, रा.न.का.सं. की गरिमामय उपस्थिति में आयोजित किए जाने की उम्मीद है । इनमें से, एन.एम.सी.जी. परियोजना टीम की प्रस्तुति निम्नलिखित अनुसार रहेगी : 1/ गंगा बेसिन में शहरी नदी क्षेत्रों के प्रबंधन के लिए एक अद्वितीय रूपरेखा - *अर्बन रिवर मेनेजमेंट प्लान (यू.आर.एम.पी.)*। 2/ नदी-शहर के बीच संबंधों के बारे में समझ को बेहतर बनाने के लिए एक ज्ञान उत्पाद - *कम्पेरिजन एण्ड कंटरास्ट ऑफ रिवर कंसिडरेसन इन दी मास्टर प्लान्ज ऑफ सेलेक्टेड सिटीज *। 3/ शहरी नदी प्रबंधन पर ज्ञान के लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन के रूप में विकसित एक समर्पित वेबसाइट - *री-इमेजिनिंग अर्बन रिवर*। www.gangautsav.in पर पंजीकरण करके कार्यक्रम में शामिल हों। वैकल्पिक रूप से, www.facebook.com/cleanganganmcg या www.youtube.com/namamigange या twitter.com/cleanganganmcg पर सीधा प्रसारण देखें पीएस - समापन समारोह की शुरुआत कैलाश खेर की एक संगीत प्रस्तुति से होगी।
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Prototyping and gathering user feedback are common design strategies which are increasingly being applied in public projects as well. As design thinking is gradually being adopted as an integral aspect of governance, quick pilot projects have proven effective strategies to arrive at what might work and what might not. However, anticipating failures and embracing mistakes is not an easy task where public funds are concerned, and pilots are still a relatively new approach to large scale projects. How can urban design projects benefit from designing pilots and what have been the experiences of sectoral experts, is what the webinar aims to discuss. From tactical urbanism for testing public response to interventions in public spaces to prototypes of essential products and services, the discussion hopes to cover a broad wide array of pilot projects at different scales and spread over different durations. What have been various lessons from different pilot projects to scale up solutions, what were the surprises, what were the half formed ideas that never took off, what role do data and documentation play in iterative design processes, are some of the topics of discussion.
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CEPT University, Ahmedabad and the National Institute of Urban Affairs (NIUA) New Delhi are jointly organizing the online international conference - Urban Thinkers Campus (UTC-5.0) during 16 and 17 October 2020. The UTC-5.0 is supported by the World Urban Campaign (WUC) of UN-Habitat and other national and international partners. The conference aims to engage with the discourses of urban planning policies, practices and pedagogy of planning education in the context of emerging challenges post COVID19. It provides a platform for planning professionals including those involved in the planning education and capacity building and provides timely feedback to urban policies. It also intends to influence the various stakeholders in planning processes such as urban local bodies, civil society organisations and the citizenry at large through critical discussion of the Global New Urban Agenda and the SDGs related to urban areas. The event will see participation from the international community of policymakers, urban planning professionals, researchers, planning educators and students from across the world. For details please contact: utc@cept.ac.in Dr Anil Kumar Roy, Associate Professor - anil.roy@cept.ac.in # +91-9377532316 Mr Ravi Sannabhadti, Assistant Professor -raviss@cept.ac.in # +91-7600124624
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C-Cube will be organising the second webinar in its weekly webinar series "Chat for Change- towards building a resilient urban future" on Thursday, 15th October at 4 PM. The webinar will be about urban biodiversity management in Indian cities and presented by Dr. G Areendran from World Wildlife Fund (WWF). The webinar is open to all and our target audience includes urban practitioners and researchers, as well as city officials participating in the ClimateSmart Cities Assessment Framework. I will connect with Dr. G Areendran today to refine/finalise the topic. We are hoping that the webinar is less theoretical and more practice-based. Something that a city can learn from and implement good practices.
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Urban Green Planning (UGP) focuses on the implementation of an interconnected system of green spaces in cities including passive open spaces, active recreational parks and playgrounds and natural conservation areas delivered through private and public development. A robust urban green system can foster sustainable urban development and has multiple positive impacts, such as health and clean air benefits as well as increasing resilience towards climate change impacts such as heatwaves and floods. Strengthening urban green needs comprehensive planning, based on administrative structures, involving actors at community and citizen levels working in concert towards a shared vision.
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Launch of SBM SWM Interactive Portal and An Almanac of Waste Management Practices of India.
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South Asian Institute for Advanced Research and Development (SAIARD) in association with the National Institute of Urban Affairs (NIUA) present One Day National Virtual Conference on Smart India & Smart City. Mode of Class: Online Platform:ZOOM ** E-Certificate will be provided to the registered paid candidates Registration Fees: Paper presentation : Rs.200/- (INR) (Non-refundable) Only Participation: NIL BANK DETAILS Bank Name: Paytm Beneficiary name: SAIARD A/C No: 918777433044 IFSC Code: PYTM0123456 Application method: Pay the amount in the SAIARD Bank Account > Save the soft copy of your payment receipt/bank challan in your mobile/computer > Fill up this Google Form accordingly. ** Pls keep the payment receipt copy for future For any queries: saiardkolkata@gmail.com, 8777433044
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DEADLINE FOR SUBMISSION OF PROJECT IDEAS EXTENDED TILL 2nd NOVEMBER 2020 The purpose of this sponsored thesis competition is to tap into the intellect and creativity of students to arrive at innovative solutions for re-imagining the outlook and management of rivers that flow through cities and their associated features. This competition provides an opportunity for students with relevant academic background to align their academic thesis research with the themes of the competition described in the next section. The competition is organized by the National Mission for Clean Ganga (NMCG) and the National Institute for Urban Affairs (NIUA) under a joint project that the two organizations are implementing to promulgate river-sensitive development in our cities. Please refer to the related documents for additional competition details and to download the template for submission of entries.
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Join us for the launch for ClimateSmart Cities Assessment Framework 2020 and Streets for People Challenge
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The way we plan and build our cities defines our quality of life. It affects not only the quality of our living spaces and transport, but also the air we breathe, the water we drink, and our access to nutritious food, education, health care services and employment. The planning of cities have always played a vital role in the disease transmission India is urbanizing at a rapid pace and with the ongoing pandemic cities need to fight challenges on multiple fronts like contact tracing in slums where social distancing is difficult, proper waste management to break the chain of transmission, proximity to essential services in Tier-3 cities, and addressing the abysmal WASH (Water, Sanitation & Hygiene) situation in the cities. These challenges have made us rethink as to how cities should be built and, perhaps more importantly, how they can better respond to current and future crises. The overall objective is to fulfill the collective vision of healthy, safe, inclusive, equitable cities for all. Session Chair/Moderator: Mr Kunal Kumar, Mission Director, Smart Cities Mission, MoHUA, India Presenter 1: Dr Marcus Grant, WHO- UNHABITAT Consultant and Lead Author for the Sourcebook Presenter 2: Ms Preeti Pant, Joint Secretary, Ministry of Health and Family Welfare (TBC), India Presenter 3: Ms Nathalie Roebbel, Coordinator, Public Health and Environment, WHO Geneva Presenter 4: Mr Herman Jean Pienaar, Lead - Urban Lab, Planning, Finance & Economy Section, UN-Habitat
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n this webinar, we discuss what ‘effective’ and ‘meaningful’ stakeholder engagement entails. Hear from development practitioners from around the world, on how engaging citizens and mobilizing communities help bring greater transparency, accountability, and social inclusion in development projects. We go one step further to learn from on-ground experiences around perceptions, real world challenges and limitations of stakeholder engagement strategies and how one can enable real-time course correction by fixing problems in fast evolving urban situations
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Join us for a webinar with Dr. Shruti Hemani and Mr. David Rudlin who will be presenting an overview on the content of their book 'Climax City - Master planning and Complexity of Urban Growth' on August 20 from 3 to 4:30 p.m. The book is a critical exploration of the struggle between the natural growth of cities and master planning. It is an outcome of many years of research and practice combined with urban mapping (of cities across the world at five different scales) and analysis across political, social, cultural and economic dynamics, to help understand the process by which human settlements change and transform over time
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Tiffin Talks presents Covid 19: Will our cities change forever? Confirmed Panellists: 1. Ms Vijaya Venkataraman, Independent Development Consultant 2. Mr Sanjay Gupta, Strategy and Policy Advisor 3. Ms Renu Khosla, Director of the Centre for Urban and Regional Excellence (CURE) 4. Hitesh Vaidya, Director, National Institute of Urban Affairs In conversation with Vandana Mehra, independent communications consultant and Kaveree Bamzai, Author and senior journalist Tiffin Talks is a Joint Venture of Wishbox Studio and Occasion Xperts
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NIUA, through its Climate Centre for Cities, is working towards multi-stakeholder coordinated efforts for strengthening resilience to climate change & public health risks in India’s Smart Cities. With this intent, NIUA is organising the Urban Thinkers Campus (UTC) to bring together experiences from various cities across the globe and reflect on the collective learning for managing pandemics and building urban resilience through multi-level governance. The UTC is being organised in partnership with Sushant School of Planning and Development at Ansal University, US Green Building Council, European Urban Knowledge Network, Regional Studies Association, Madras Chamber of Commerce and Industry, and Bombay Chamber of Commerce and Industry. The event will also be fed live through NIUA's Facebook page. More details at: https://www.worldurbancampaign.org/urban-thinkers-campus Follow us: https://twitter.com/NIUA_India
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A Webinar series on Building Accessible, Safe and Inclusive Cities hosted by NIUA with the support of DfID.
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This webinar follows from CITIIS previous webinar that touched upon planning and designing streets to improve road safety and got a great turnout! As urban practitioners, we all are aware that mere provisioning of infrastructure is not enough. There are various elements of the street that ought to come together to make any street a ‘sustainable street’. Speakers in this webinar, all recognized experts, will stir the sustainable streets stew – by discussing global and Indian best practices in sustainable infrastructure, processes for implementing sustainable streets and networks in India, and will tie sustainable streets to complete streets and long-lasting investment.
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"We need to 'rethink' public activity in these exceptional times that have threatened the very core of our social ethos 'Reimagining', 'Reshaping' and 'Reinstating' public spaces requires sensitive policy and design at the local level." - Hitesh Vaidya, Director, National Institute of Urban Affairs
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Part of WASH Governance Hub Webinar Moderated by: Dinesh Mehta, CWAS-CRDF-CEPT Global COVID WASH Response Overview and Main Challenges: Alejandro Jimenez, SIWI
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The Ministry of Housing & Urban Affairs is celebrating the 5th anniversary of the flagship missions i.e. SCM, AMRUT & PMAY (U) Host: Ministry of Housing & Urban Affairs (MoHUA) Event number: 166 224 5298 Event password: 1234
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The invited experts would gravely touch upon the need of re-designing streets to improve road safety and promote NMTs. Together, they would deliberate on the necessity of localising street-design guidelines to reflect on city's context and setting.
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In the last three years, since the National Faecal Sludge and Septage Management Policy (2017), several states and cities of India have made good progress in addressing this challenge. Putting in place a range of technology options, contracting mechanisms, operations, and community engagement. This webinar will provide a peek into what was done, and how others can learn from the rich experience of these states and cities.
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The Smart Cities Mission and the ITDP India Programme, in partnership with the World Bank and GIZ SMART-SUT Programme, launched the Urbanlogue Webinar Series on How to Implement COVID-safe Urban Transport Solutions. Over 2500 people from 150 cities across India and around the world registered for the first four episodes. Episode 5 is about Integrated digital fare collection for formal and informal public transit For a safe trip: swipe, tap, or transfer. COVID-19 has made digital contactless payments a necessity. Seamless e-ticketing can not only transform the user experience in public transport but also integrate informal transit services like shared autos/taxis, e-rickshaws and private minibuses, that serve the bulk of public transport trips in Indian cities. The dialogue continues at 3 PM on Wednesday, 17th June.
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by Raj Cherubal, Ashraf Adam, Vidhya Mohankumar, Dr. Rajesh J. Pandya, Clémence Vidal de la Blache Today, a culture of innovation remains at the core of developing smart cities, with the aim to simultaneously improve socio-economic standards of the people. In addition, the tall order to nurture innovation in cities in the context of a rapidly urbanising world poses social, environmental, economic, and political challenges. This calls for ‘leadership’ that can ‘organise, engage, and experiment,’ to unleash the full potential of the city. More specifically, it is leadership that enables and spearheads collaboration, strategic thinking, effective foresight and builds alliances and partnerships across various levels of governance. Clearly leadership in today’s times has gone beyond the domain of a single person. Cities across the world are developing networks of leaders to put them on a spectrum of leadership skills that are diverse enough to address the complexity of the urban systems. This webinar gathered experiences and learnings from persons in leadership positions involved in planning, implementation and management of urban development projects, across the globe. The webinar focussed on: Traditional leadership model’s vs contemporary leadership. Institutional environment in which leaders operate Personal characteristics of leaders- Leadership and gender Our speakers had a diverse background and interests which made the conversaition rich with new idea and provoked a lot of thought into how we want to see the leaders of the future.
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The Webinar will engage with experts and practitioners in the field of Urban Governance and Reforms, to understand what larger Reform Agenda needs to be placed on the table today along with the other historic reforms India is taking in other sectors, to make an opportunity out of the crisis that COVID-19 presents with us.
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The webinar will address and understand advisories on urban slums, specifically in relation to the efforts made so far in arresting COVID-19, and how it can be improved for the well-being of the residents of urban informal settlements.
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Joint Launch of TULIP - The Urban Learning Internship Program under Smart Cities Mission of MoHUA- by Union HRD Minister Ramesh Pokhriyal 'Nishank' & MoHUA Minister Hardeep Singh Puri.
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Smart City Mission, Ministry of Housing and Urban Affairs, Government of India and ITDP India Programme, in partnership with The Transport & ICT Group of the World Bank and Deutsche Gesellschaft für Internationale Zusammenarbeit GmbH (GIZ), present Episode Three of the Urbanlogue webinar series. Promoting cycling in Indian cities benefits both public health and the economy. Investments in cycling infrastructure have returns of up to 5.5 times the initial investment. Additionally, it is both an active and COVID-safe means to commute. Thus on World Bicycle Day (June 3rd, Wednesday), we discuss therole of cycling in battling the health and economic crisis, and the ways to make Indian cities safe for cyclists.
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The World Economic Forum’s Centre for the Fourth Industrial Revolution and Government of India’s Smart Cities Mission are bringing administrators from across India together with global networks of cities. They will share technological interventions and technology governance insights that have been effective in flattening the curve. *We invite you to learn:* 1. How cities have adopted technological actions in response to COVID-19 2. What are some of the typical barriers that were faced in deployment of such actions 3. What protocols are being put in place to ensure immediate and long-term protection of data collected right now 4. What cities need to do to better manage this pandemic and build long-term systemic resilience *Keynote speakers:* 1. Hardeep Singh Puri, Minister of State (IC), Housing and Urban Affairs, Government of India 2. Murat Sonmez, Head of C4IR, World Economic Forum 3. Durga Shanker Mishra, Secretary, Housing and Urban Affairs, Government of India *Panel Discussion:* 1. Mr. Andrew Collinge, SmartDubai, Dubai Data Est. (Moderator) 2. Representative from City Administration, City of Medellín, Colombia 3. Mr. B.H Anil Kumar, Commissioner, Bruhat Bengaluru Mahanagar Palike, India 4. Mr. Shravan Hardikar, CEO and Commissioner, Pimpri Chinchwad Municipal Corporation, India 5. Mr. Zohar Sharon, Chief Knowledge Officer, Tel Aviv Yafo Municipality, Israel 6. Ms. Hephsiba Rani Korlapati, CEO, Bengaluru Smart City Private Limited, India 7. Mr. Andew Stober (tentative), Waze Inc. USA *Co-hosts:* 1. Kunal Kumar, Mission Director, Smart Cities Mission, Government of India 2. Purushottam Kaushik, Head, C4IR India, World Economic Forum
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The adoption of information and communication technologies (ICT) within the healthcare sector led to the concept of electronic health (e-health), which is contributing to reduced costs and increased efficiency in healthcare service delivery across the globe. The new era of mobile health has brought opportunities for governments and companies to rethink their concept of healthcare. In addition, the formidable challenge of urbanisation attracts attention toward cities that are expected to provide citizens with services in an efficient and humane manner. Globally, advancements in ICT are being leveraged by the healthcare sector to create m-health, and by local and regional governments to foster the deployment of smart cities. All in all, ICT it is being considered a revolution in smart city development. However, there is also a philosophical change to smart healthcare too, with initiatives designed to encourage a broader view of health and wellbeing in citizens. In this context it is important to realise a healthy city involves more than good healthcare delivery. Studies have shown that a population’s health is significantly shaped by the liveability standards of the city, which include how we live and work in the urban environments. The invited experts will discuss new concepts of creating healthy cities and discuss its relevance, impact, and feasibility in practice. The key question is —what steps can be taken by city governments to foster an urban development paradigm that promotes healthy behaviours and all-round health and wellbeing.
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The webinar will showcase the findings of a study undertaken by SHLC team in collaboration with World Vision India. The study based on telephone survey was undertaken to provide an understanding of the impact of the COVID-19 outbreak and the nationwide lockdown on the lives and livelihoods of the urban poor in select cities and peri-urban areas in India. The telephone survey was conducted during April 24 – May 7, 2020. Moderator: Mr. Cherian Thomas, Regional Leader, South Asia Pacific, World Vision International Presenters: Prof. Debolina Kundu, NIUA Ms. Clara Raphael, Head - My City Initiatives, World Vision India Dr. Anjana Purkayastha, Senior Director, Urban Programming, World Vision India Panelists: Prof. Darshini Mahadevia, Ahmedabad University, Ahmedabad Prof. Amita Bhide, Dean, School of Habitat Studies, TISS, Mumbai When: Tuesday, 26th May 2020, 6:30 P.M. Where: Online via Zoom.
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Smart City Mission, Ministry of Housing and Urban Affairs, Government of India and ITDP India Programme, in partnership with The Transport & ICT Group of the World Bank and Deutsche Gesellschaft für Internationale Zusammenarbeit GmbH (GIZ), launch: Urbanlogue – an online learning platform for Indian city officials to help them strategize robust transportation responses to the pandemic. The platform will curate a series of webinars and a library of global best practices. The webinar series poster below highlights various topics lined-up for discussion, followed by the details of episode one.
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As India is preparing to unlock itself, phase wise, it is now increasingly clear that, our cities need to be prepared to handle COVID risks for a longer horizon. In order to live with the potential COVID risks, our cities need to initiate actions towards Safe Social Distancing (SSD) protocols, SSD signages, COVID risk sensitive urban design, WASH Infrastructure and strategies for urban spacing out and monitoring of the COVID Point of Interest (COVID- POIs) in our cities. A SSD guidebook has been developed by Dr. Saswat Bandyopadhyay, a lead Professor of Urban planning in Ahmedabad and a team of multi- disciplinary professionals, to support cities to develop city specific COVID safe strategies and actions to Live Back Better! This guidebook has gone through extensive review of protocols and guidelines of Ministry of Health, WHO and UNICEF as well as by drawing various Asian and global good practices. It has been structured in following parts: SSD measures to be initiated at the city level COVID Safety protocols for important Urban Land Uses and Activities Mapping and Monitoring of COVID- POIs in an Urban area Preparation of Urban Spacing Out Strategies (USOS) for the city The city of Ahmedabad was chosen as a pilot demonstration site for grounding some of the above concepts. The main objective of the proposed webinar will be to share the key highlights of this SSD guidebook and protocols with the municipal commissioners and CEOs across the country. Speaker - Dr. Saswat Bandyopadhyay, Professor of Urban planning, CEPT University, Ahmedabad
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The webinar assessed the implications of COVID-19 on life in cities, including discussions on health, access to public services, impacts on the vulnerable, government responses and recovery strategies. Our panel consisted of three urban development experts, Amit Prothi, Director, Global Resilient Cities Network (Singapore); Chris Blache, Founder, Genre et Ville (France); and Dr. Umamaheshwaran Rajasekar — Chair Urban Resilience (India). They discussed successful government interventions and responses to COVID-19 in Singapore, France, and India respectively. The webinar also included how countries can ensure that their responses promote health equity and reduce inequality, and look at different scenarios for ending quarantine and returning to the new normal. During the webinar Chris pointed out that our next crisis might not be about lungs or health, so we need to relook at the fundamentals of governance. We need to work with people and not for the people, we need to go back to social leg of governance. Amit added to this sentiment saying we must take a systems approach and identify the weaknesses of the system to respond to such crisis. This new approach includes tapping into people’s imagination because people have seen a different reality now.
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Personal interviews for the selection of the India Smart Cities Fellowship Program 2020
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1st Training Workshop (C&D Waste), under the ClimateSmart Cities project with NIUA and DIFU, the training partners. The event also has Training of Trainers (ToT) session with select training institutions chosen by GIOZ. The topics are chosen by partner cities of Kochi, Bhubaneshwar and Coimbatore, and extended to 14 other cities of the Smart Cities Mission of MoHUA. The topics are C&D Waste, Storm Water management, Green Buildings and Green Spaces.